
संसद के शीतकालीन सत्र में संघ विचारक और बीजेपी के राज्यसभा में सांसद राकेश सिन्हा ने राम मंदिर निर्माण के लिए प्राइवेट मेंबर बिल लाने की घोषणा की है। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, सीताराम येचुरी और मायावती आदि नेताओं से कहा है कि वे इस मामले पर अपना स्टैंड क्लियर करें। राकेश सिन्हा ने मामले पर कई ट्वीट करके साफ कर दिया है है कि एक बार फिर राम मंदिर पब्लिक डिबेट का हिस्सा बनने जा रहा है।सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई अगले साल जनवरी तक टाल दी है । इस्पष्ट बहुमत की सरकार और यूपी में मजबूत स्थिति के कारण बीजेपी पर इसका जवाब देने का भी दबाव है।
राकेश सिन्हा ने ट्वीट में लिखा, ‘जो लोग बीजेपी और संघ को उलाहना देते रहते हैं कि राम मंदिर की तारीख बताएं, उनसे सीधा सवाल है कि क्या वे मेरे प्राइवेट मेंबर बिल का समर्थन करेंगे? राकेश सिन्हा ने दूसरे ट्वीट में लिखा, ‘आर्टिकल 377, जलिकट्टू और सबरीमाला पर फैसला देने में सुप्रीम कोर्ट ने कितने दिन लगाए? लेकिन अयोध्या प्राथमिकता में नहीं है।’
कानून को बनाने की प्रक्रिया किसी भी सदन में बिल पेश करने से शुरू होती है। अगर सरकार के मंत्री बिल पेश करते हैं तो उसे गवर्नमेंट बिल और दूसरी स्थिति को प्राइवेट मेंबर बिल कहते हैं। संसद में सरकारी विधेयकों के अलावा सदस्यों को व्यक्तिगत विधेयक लाने का भी अधिकार है।
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