
कोई भी इंसान अपने चेहरे पर कील-मुंहासे नहीं चाहता है। अगर हो भी गया तो उससे निजात पाने की हर संभव कोशिश की जाती है। ब्रिटिश वैज्ञानिक इससे जुड़ा दिलचस्प तथ्य सामने लाए हैं। उनका कहना है कि मुहांसे के शिकार व्यक्ति पर बढ़ती उम्र का असर धीरे-धीरे पड़ता है। मतलब ऐसे लोग काफी देर बाद बुढ़ापे की चपेट में आते हैं।
किंग्स कॉलेज ऑफ लंदन के शोधकर्ताओं ने बताया कि मुंहासे का शिकार हो चुके लोगों के व्हाइट ब्लड सेल्स (डब्लूबीसी) में मौजूद टीलोमीयर की मियाद ज्यादा होती है। लिहाजा उनकी कोशिकाएं बढ़ती उम्र के प्रभावों से ज्यादा सुरक्षित रहती हैं। टीलोमीयर क्रोमासोम के सिरे पर स्थित रेप्टिटीव न्यूक्लियोटाइड सीक्वेंस होता है।
यह रेप्लिकेशन के दौरान क्रोमोसोम को नष्ट होने से बचाता है। सेल्स की उम्र बढऩे से टीलोमीयर धीरे-धीरे टूटने और सिमटने लगता है। इससे आखिरकार कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं। इंसान की बढ़ती उम्र के साथ होने वाली यह एक सामान्य प्रक्रिया है। टीलोमीयर की मियाद बढऩे से कोशिकाएं सुरक्षित रहती हैं, लिहाजा उम्र का असर भी देर से पड़ता है।
from लाइफस्टाइल – Navyug Sandesh https://ift.tt/2YlZyzf
No comments:
Post a Comment