भारतीय सेना किसी भी युद्ध की परिस्तिथि से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। सेना के पास चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए अमेरिका से खरीदे गए खतरनाक हथियार मौजूद है। संयुक्त राज्य अमेरिका से खरीदी गई नई हथियार प्रणालियां पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना द्वारा किसी भी उकसावे से निपटने के लिए भारत की सेना का एक अभिन्न अंग हैं। चीन के साथ सीमा पर भारत का विवाद किसी भी तरह से कम होता दिखाई नहीं दे रहा है।
यदि भविष्य में चीन के साथ युद्ध होता है तो भारतीय सेना की ताकत काफी मायने रखती है। भारतीय वायु सेना के पास सी -17 भारी-लिफ्टर, अपाचे हमले वाले हेलीकॉप्टर और सी -130 जे विशेष संचालन विमान है। वहीं, भारत की नौसेना के पास पी -8 आई निगरानी विमान और भारतीय सेना के एम -777 अल्ट्रा-लाइट हॉवित्जर तक – ये हथियार और सिस्टम हैं। ये सभी हथियार भारतीय सेना को हर स्तिथि में मजबूत करते है।
परिवहन विमानों का इस्तेमाल सैनिकों, टैंकों और पैदल सेना के वाहनों को सेक्टर में ले जाने के लिए IAF के C-17 ग्लोबमास्टर III का इस्तेमाल भारतीय सेना द्वारा किया गया है। वही रणनीतिक दौलत बेग ओल्ड (DBO) सेक्टर में उन्नत लैंडिंग ग्राउंड पर छंटनी के लिए C-130J सुपर हरक्यूलिस विमान काम आये है।
सुखोई -30 और अपग्रेड किए गए मिग -29 फाइटर जेट्स के अलावा, IAF अपाचे AH-64E अटैक हेलीकॉप्टर और CH-47F (I) चिनूक मल्टी मिशन हेलीकॉप्टर दोनों का संचालन कर रहा है। दोनों अमेरिका से खरीदे गए हैं। यहां भी किसी भी चीनी उकसावे से निपटने के लिए भारतीय सेना को अधिकार है।
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