Thursday, August 6, 2020

राम मंदिर हमारी संस्कृति, सनातन आस्था, राष्ट्रीय भावना और सामूहिक इच्छा शक्ति का एक आधुनिक प्रतीक होगा

अयोध्या में ‘श्री राम जन्मभूमि मंदिर’ के भूमिपूजन के अवसर पर प्रधान मंत्री ने देशवासियों और दुनिया भर में मौजूद राम भक्तों को बधाई दी। उन्होंने इसे एक ऐति​हासिक अवसर करार देते हुए कहा कि आज जब समस्त देशवासी इस बात को लेकर प्रफुल्लित हैं कि उन्होंने भावनात्मक रूप से वह सब हासिल कर लिया है जिसकी वह सदियों से प्रतीक्षा कर रहे थे, भारत एक स्वर्णिम अध्याय की शुरुआत कर रहा है। उन्होंने कहा कि आज कई लोग ऐसे भी हैं जिनके लिए यह विश्वास करना कठिन हो रहा है कि अपने जीवन काल में कभी वह आज का दिन भी देख सकते थे। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि राम जन्मभूमि को विध्वंस और पुनर्निर्माण के चक्र से मुक्ति मिल चुकी है और अब तंबू के स्थान पर रामलला के लिए भव्य मंदिर का निर्माण किया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि श्री राम के अस्तित्व को मिटाने के कई बार प्रयास किए गए लेकिन आज भी वह हमारी संस्कृति का आधार स्तंभ बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि राम मंदिर हमारी संस्कृति, हमारी आस्था, राष्ट्रीय भावना और सामूहिक शक्ति का आधुनिक प्रतीक होगा जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देने का काम करेगा। मंदिर के बनने से संभावनाओं के कई अवसर बनेंगे जिससे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में बड़ा बदलाव आएगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का दिन करोड़ों राम भक्तों के विश्वास और सच्चे संकल्प की गवाही दे रहा है। उन्होंने पिछले साल माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मंदिर के संबध में सुनाए गए फैसले के दौरान सभी की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए, देशवासियों द्वारा दिखाए गए संयम और गरिमा की प्रशंसा की । उन्होंने कहा कि यह संयंम और गरिमा आज भी दिखाई दे रही है।

प्रधान मंत्री ने इस अवसर पर उन बातों का स्मरण किया कि किस तरह से गरीब, पिछड़े, दलित, आदिवासी सहित सभी वर्ग के लोगों ने एकसाथ मिलकर श्री राम की​ विजय, श्री कृष्ण गोवर्धन को उठाने, छत्रपति शिवाजी को स्वराज लाने और गांधीजी के नेतृत्व में स्वतंत्रता आंदोलन को चलाने जैसे कार्यों का सशक्त माध्यम बने। उन्होंने कहा कि राम मंदिर का निर्माण भी लोगों की मदद और योगदान से शुरू हुआ है।

श्री राम के चरित्र का स्मरण करते हुए प्रधान मंत्री ने कहा कि वह हमेशा सत्य पर टिके रहे और सामाजिक सद्भाव को अपने शासन का आधार बनाया। वह अपनी प्रजा से समान रुप से प्रेम करते थे लेकिन गरीबों और जरूरतमंदों के लिए उनके हृदय में विशेष दया भाव था । जीवन का कोई ऐसा पहलू नहीं है जहाँ श्री राम प्रेरणा के स्रोत के रूप में वर्तमान नहीं हैं। उनका प्रभाव देश की संस्कृति, दर्शन, विश्वास और परंपरा के कई पहलुओं में दिखाई देता है।

प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि आने वाले कई वर्षों तक राम मंदिर समस्त मानवजाति के लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा। उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण होगा कि श्री राम, राम मंदिर और हमारी चिर पुरातन परंपराओं का संदेश पूरे विश्व तक पहुंचे। इस बात को ध्यान में रखते हुए ही देश में राम सर्किट का निर्माण कराया जा रहा है।

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