Tuesday, September 25, 2018

हिंद महासागर में 3 दिन बाद बची भारतीय नौसेना कमांडर की जान

भारतीय नौसेना के कीर्ति चक्र से सम्मानित कमांडर अभिलाष टॉमी को दक्षिणी हिंद महासागर से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। गोल्डन ग्लोब में हिस्सा लेने के दौरान लहरें उठने से उनकी नाव का स्तंभ टूट गया था और वे वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। गोल्डन ग्लोब समुद्री मार्ग से पूरी दुनिया का चक्कर काटने वाली रेस है, जिसमे प्रतियोगी अपनी नाव पर अकेला होता हैं। टॉमी की नाव पर्थ से 1,900 नॉटिकल मील की दूरी पर तूफान से दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी । टॉमी अपने दुर्घटनाग्रस्त नाव पर मौत से लड़ रहे थे।ऑस्ट्रेलिया रेस्क्यू कॉर्डिनेशन सेंटर सहित कई अन्य एजेंसियां ऑस्ट्रेलिया के रक्षा विभाग और भारतीय नौसेना की सहायता से बचाव में लगी थीं। इस अभियान में फ्रांस का पोत ओसिरिस भी तैनात किया गया था।


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टॉमी कीर्ति स्वदेश निर्मित नौकायन पोत एस वी थुरिया पर भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। फ्रांसीसी जहाज को उन तक पहुंचने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। तूफान में 14 मीटर ऊंची लहरों और 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं ने भारतीय नौसेना के अभिलाष टॉमी के जहाज का मस्तूल पलट दिया था। टॉमी चल पाने में सक्षम नहीं थे।गोल्डन ग्लोब रेस में नाव के माध्यम से 30,000 मील की एकल विश्व यात्रा की जाती है। इसमें कोई भी नई तकनीक इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं होती, सिवाय संचार के उपकरणों के।



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