पढ़ाई का नाम सुनते ही बच्चों का अजीब सा मुंह बन जाता है। कुछ बच्चे तो पढ़ने से इतना कतराते हैं कि पढ़ाई न करने के लिए तरह-तरह के बहाने बनाते हैं। उनके लिए पढ़ना एक बोझ की तरह होता है। तो चलिए आज हम आपको ऐसे कुछ तरीके बता रहे हैं जिन्हें अपनाकर आप बच्चों में पढ़ने की आदत डाल सकते हैं-
अगर बच्चे को पढ़ना सिखाना है तो कभी भी शुरूआत उसकी कोर्स की किताबों से न करें। आप उसके लिए ऐसी किताबें खरीदें, जो उसे पसंद हो तथा उसमें कुछ अच्छी तस्वीरें भी हो, इससे बच्चे का मन उस किताब को पढ़ने का करता है।
16 से 24 महीने तक के बच्चे हर दिन अपनी वोकैब में नए शब्द जोड़ते चले जाते हैं। डॉग और ट्री सबसे आसान नाम माने जाते हैं। जैसे ही आपको डॉग का पिक्चर दिखाई दे तो तुरंत अपने टॉडलर से पूछें क्या तुम डॉग देख सकते हो। कौनसे कलर का डॉग है। डॉग क्या कर रहा है। इस तरह से बच्चे जल्दी सेंटेंस बनाना सीख जाएंगे।
जब आप खुद किताब पढ़ें तो अपने बच्चे को भी गोद में बिठाएं। इस तरह आपका बच्चा भी रीडिंग से खुद को जोड़ेगा। आगे जाकर उसका रीडिंग को लेकर कॉन्फिडेंस भी बढ़ेगा और वह अपने दोस्तों के बीच बेहतर रीडर रहेगा। रीडिंग भी एक स्किल है जिसे जितना यूज करेंगे उतना परफेक्ट होती जाएगी।
अगर आप बच्चे को एक जगह बैठकर रीड करने को कहेंगे तो वो रीडिंग को सजा की तरह समझेगा। बेहतर होगा की अपने बच्चे के अटेंशन स्पेन के हिसाब से चलें। जब वो इंन्ट्रेस्ट लूज करेगा तो कमरे में ही थोड़ा घूम फिरकर दोबारा किताब के पास आएगा। जब आपका बच्चा बोर होने लगे तो भी आप उम्मीद नहीं छोड़ें। खुद पढ़ते रहें और उसे स्टोरी पर कमेंट्स करके रिझाते रहें। क्यूरिओसिटी उसे बार बार बुक की तरफ खींचेगी।
from रिलेशनशिप – Navyug Sandesh http://bit.ly/2WdGRN9
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