
कई लोग दवा की डोज को कम करने के लिए या किसी अन्य कारण से दवाई को तोड़कर या आधी करके कहते हैं, जो कि उनके लिए बहुत ही खतरनाक साबित हो सकता है। जर्नल ऑफ एडवांस में छपी रिसर्च में सामने आया है कि गोली को आधा करके लेना सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक साबित हो सकता है।
बेल्जियम की गेन्ट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है कि इसके गंभीर परिणाम भी हो सकते हैं। इस रिसर्च में शामिल शोधकर्ताओं का कहना है कि सबसे ज्यादा खतरा उन दवाओं से होता है, जिन दवाओं में सेहत के लिए लाभदायक होने और नुकसानदायक होने के बीच बहुत कम अंतर मौजूद होता है।
इस शोध में शोधकर्ताओं ने पाँच वॉलंटियर्स को आठ अलग-अलग आकार की गोलियां दी और उनसे इन्हें तीन तरीके से तोड़ा गया और इस दौरान गोली को तोड़ने में गोली तोड़ने वाले औजार, चाकू और कैंची का प्रयोग किया। साथ ही इस दौरान गोलियों को तीन हिस्सों में और तीन तरीकों से तोड़ा गया और सभी गोलियों को अलग अलग तरीकों से भी तोड़ा गया।
इन गोलियों में दिल की बीमारियों की गोलियां, आर्थिटिस की गोलियां और अन्य बीमीरियों की गोलियां भी शामिल थीं। इससे शोधकर्ताओं को पता चला कि 31 प्रतिशत गोलियों के दूसरे हिस्से में दवा की मात्रा दूसरे टुकड़े के मुकाबले बहुत कम थी और यह जरुरी मात्रा से भी बहुत ही कम था।
वहीं गोली तोड़ने के लिए इस्तेमाल में लिए गए औजार में बहुत कम गलतियां थीं। साथ ही शोधकर्ताओं ने बताया कि इस दौरान गोल, छोटी, बड़ी, चोकोर गोलियां भी इस्तेमाल में ली गई थीं। शोध का नेतृत्व कर रही डॉक्टर का कहना हैं कि दवाओं को तोड़ने के बहुत सारे कारण हो सकते हैं। उनका कहना था कि ज़्यादातर दवा तोड़ने के लिए यह ठीक नहीं होती। वहीं शोधकर्ताओं की राय थी कि दवाई बनाने वाली कंपनियां लिक्विड दवाइयों पर ध्यान दें, ताकि तोड़ने की जरुरत ही नहीं पड़े।
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