भारत के अन्य अनाज गेहूं, चावल, दाल की तरह ही क्विनोआ भी एक अनाज ही है जो दक्षिण अमेरिका से हमारे देश में आया है. पिछले 2-3 वर्षों में क्विनोआ नाम के इस अमेरिकन अनाज ने इंडियन मार्केट में अपनी खास जगह बना ली है. दक्षिण अमेरिका में इसका इस्तेमाल केक बनाने के लिए खासतौर पर किया जाता है. क्विनोआ ग्लूटेन फ्री है, इसमें 9 तरह के अमिनो एसिड होते हैं. इसे खाने से प्रोटीन भी ज्यादा मिलता है. क्विनोआ में पोटैशियम, मैग्नीशियम और कैल्शियम भी ज्यादा मात्रा में होती है. इसीलिए हेल्थ कॉन्सस लोग अपनी डाइट में इसे शामिल करते हैं.
क्विनोआ के लाभ
क्विनोआ प्रोटीन, आयरन, फाइबर जैसे पोषक तत्वों का एक उत्कृष्ट स्रोत है। इसका प्रयोग मुख्य रूप से सुबह के नाश्ते के रूप में किया जाता है। कई रिसर्च के मुताबिक इसमें एंटी सेप्टिक, एंटी कैंसर, एंटी एजिंग गुण होते हैं। इसमें मौजूद फाइबर के कारण यह वजन घटाने और कब्ज के इलाज के लिए भी एक अच्छा आहार है। फाइबर हृदय और कैंसर जैसे घातक रोगों को रोकने में भी अहम भूमिका निभाता है।
त्वचा के लिए
क्विनोआ में मौजूद विटामिन बी 12 त्वचा का रंग बनाए रखने का काम करता है। क्विनोआ में टीरोसिनेज अवरोधक भी होता है जो एक एंजाइम होता है। यह पिगमेंटेशन और त्वचा से संबंधित समस्याओं को कम करने का काम करता है और क्विनोआ में मौजूद विटामिन बी 3 मुहांसो का इलाज करने में मदद करता है। आप इसका फेस पैक/स्क्रब बना कर भी लगा सकते हैं। इसके लिए आप दही में क्विनोआ, दालचीनी और बेसन मिला ले और इसका पेस्ट बना कर चेहरे पर लगा लें। अपने चेहरे पर इसे 20 मिनट तक लगा रहने दें और फिर गुनगुने पानी से मुंह धो लें।
क्यों है लाभदायक
क्विनोआ आपकी त्वचा को हाइड्रेट करता है, आपके कोलेजन की रक्षा करता है, हाइपर पिग्मेंटेशन को कम करने में मदद करता है और आपकी त्वचा को एक्सफोलिएट भी करता है।
बेसन पिंपल्स से लड़ने में मदत करता है और अतिरिक्त तेल को कम करता है, चेहरे पर टैन को हटाता है और त्वचा को मॉइस्चराइज भी करता है।
दही लैक्टिक एसिड, नेचुरल अल्फा हाइड्रॉक्सी एसिड से समृद्ध है, जो आपके रंग को बेहतर बनाने में मदद करता है और इसे नरम और रेडिएंट बनाता है। यह समय से पहले झुर्रियों को रोकने में भी मदद करता है।
दालचीनी में एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो मुँहासे और ब्लैकहेड्स को ठीक करने में मदद करते है।
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