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कोरोना वायरस का बढ़ता है यह कहर भारत को अर्थव्यवस्था की तरक्की के रास्ते से बहुत पीछे ले जाएगा। इससे अर्थव्यवस्था को भारी झटका मिलने वाला है। ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन सैक्श ने एक चेतावनी दी है जिसके अनुसार कोरोना के प्रकोप और लॉक डाउन की वजह से इस साल भारतीय वित्त व्यवस्था में बढ़त मात्र 1.6% फ़ीसदी ही रह जाएगी। इसका अर्थ है कि देश तरक्की के रास्ते से कई दशक पीछे चला जाएगा। इससे पहले लगाए गए अनुमान के अनुसार यह कहा जा रहा था कि अर्थव्यवस्था 3.3 प्रतिशत बढ़ेगी। सिर्फ भारत का ही यह हाल नहीं है अमेरिका में भी अर्थव्यवस्था -6.2% फ़ीसदी बढ़ेगी याने की अमेरिका में गिरावट ज्यादा मापी गई है।
हालांकि! इसके साथ-साथ ब्रोकरेज फर्म ने यह भी कहा है कि इस व्यवस्था की दूसरी छमाही से देश की अर्थव्यवस्था में सुधार हो सकता है। उन्होंने कहा है कि हमें उम्मीद है कि रिजर्व बैंक अपनी मौद्रिक नीतियों में नरमी जारी रखें और सिस्टम में नगदी डालने के उपाय धीरे-धीरे करता रहेगा। हालांकि! यह भी कहा जा रहा है कि कुछ महीने में देश और दुनिया इस महामारी पर काबू पाने में अगर सफलता नहीं मिलती है तो अर्थव्यवस्था की गति में सुधार और अधिक देरी से होगी।
इस वायरस ने भारतीय अर्थव्यवस्था और पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था को को बड़ा झटका दिया है। ऐसे में सभी रेटिंग एजेंसियों का कहना है कि भारत की जीडीपी ग्रोथ कोरोनावायरस के चलते लगातार घटती जाएगी। 2020 में अर्थव्यवस्था बहुत कमजोर नजर आ रही है। वहीं एशियाई विश्व बैंक का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2020 में भारत का विकास दर घटकर महज 4% रह सकता है।
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