Tuesday, April 21, 2020

कोरोना वायरस: डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं के लिए ‘आयु ऐप’ के साथ मिलकर कार्य करेगी राजस्थान सरकार

भारत में कोरोना महामारी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। देश को इस मुश्किल दौर से बचाने के लिए अपने क्रांतिकारी प्रयासों के साथ आगे आई भारतीय स्टार्टअप कंपनी मेड्कॉर्ड्स अपनी बेहतर डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं के माध्यम से प्रतिदिन 10,000 लोगों की मदद कर रहा है। यह संख्या हर दिन बढ़ती जा रही है।

राजस्थान सरकार ने लोगों के हित में अग्रणी आयु और सेहत साथी ऐप के साथ विशेष साझेदारी की है। आयुऐप के माध्यम से लॉकडाउन और महामारी से परेशान 68 मिलियन लोगों को विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श लेने और दवाइयाँ मंगवाने में मदद मिलेगी।

कोरोना वायरस से निपटने में राजस्थान सरकार के भीलवाड़ा मॉडल की हर तरफ चर्चा है। राजस्थान सरकार ने कोरोना महामारी से निपटने के लिए मजबूत कदम उठाते हुए लोगों से आयुऐपके माध्यम से घर बैठे स्पेश्लिस्ट डॉक्टरों से इलाज़ लेने का अनुरोध किया है।आमजन के हित में सरकार की अपील है कि लोग घर पर रहकर अपनों का ख्याल रखें। नागरिक घर से ही आयुऐप की स्वास्थ्य सुविधा लेकर कोरोना वारियर्स की भूमिका निभा सकते हैं, इससे कोरोना महामारी से लड़ने और अस्पतालों के बोझ को कम करने में मदद मिलेगी।

कोटा, उदयपुर, श्रीगंगानगर, बीकानेर, अजमेर, पाली और जयपुर जिलों में लोग आयुऐप की सुविधाओं का घर रहकर लाभ ले रहे हैं। सरकार द्वारा एक सप्ताह के अंदर इसे पूरे राज्य में लागू कर दिया जाएगा। सरकार का यह फैसला सराहनीय है।

आयुऐप के जरिए प्रतिदिन 10,000 से अधिक लोग घर बैठे विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श कर रहे हैं। आमजन के हितार्थ आयु की ओर से यह तकनीक निशुल्क उपलब्ध कराई गई है।

कोटा जिला कलेक्टर श्री ओम कसेरा ने कहा, ”हम कोटा में यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि लॉकडाउन के कारण किसी मरीज़ को परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। इस महामारी से पार पाने में कोटा प्रशासन आयुऐप की मदद ले रहा है। इसके माध्यम से हम दूर देहात तक प्रभावी स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करा पा रहे हैं। आयु ऐप के जरिए नागरिक घर बैठे डॉक्टर से परामर्श और दवाइयाँ मंगवा सकते हैं।

श्रीगंगानगर जिला कलेक्टर शिव प्रसाद नकाटे का कहना है,  उन्होंने जिले के सभी डॉक्टरों को आयु की सुविधाओं में से एक डॉक्टर पोर्टल पर ऑनलाइन उपलब्ध कराया है, ताकि अधिक से अधिक लोगों को स्वास्थ लाभ मिल सके।

बीकानेर के जिला कलेक्टर कुमार पाल गौतम कहते हैं, ”बीकानेर में इनके हाइपर लोकल नेटवर्क के कारण लोगों को बहुत कम समय में दवाइयाँ मिल पा रही हैं।” इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि बहुत कम समय में आप इस पर डॉक्टर से परामर्श लेकर दवाइयाँ मंगवा सकते हैं। इसका इस्तेमाल करना बहुत ही आसान है।

मेड्कॉर्ड्स का पूरा स्वास्थ पारिस्थितिकी तंत्र ( आयु ऐप, सेहत साथी और डॉक्टर पोर्टल) लाखों भारतीय परिवारों की सहायता कर रहा है।    स्वास्थ पारिस्थितिकी तंत्र के अंतर्गत आयु ऐप आमजन के लिए, सेहत साथी ऐप मेडिकल स्टोर के लिए और डॉक्टर पोर्टल चिकित्सकों के लिए कार्यरत है। इस स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र के अंतर्गत आने वाली सुविधाओं के माध्यम से निर्धन, अनाथ, बेसहारा और ज़रूरतमंद लोगों को मदद मिल रही है।

मेडकॉर्ड्स के को-फाउंडर और सीईओ श्रेयांस मेहता का कहना है, ”कोविड- 19 महामारी का यह दौर देश के लिए कठिन परीक्षा की घड़ी है।

ल़ॉकडाउन के चलते सार्वजनिक परिवहन पर प्रतिबंध के कारण सामान्य लोगों को चिकित्सकीय सहायता नहीं मिल पा रही है। महामारी के कारण ग्रामीण क्षेत्रों और छोटे कस्बों में डॉक्टरों की कमी हो गई है, इससे करोड़ों भारतीयों की तकलीफें और अधिक बढ़ गई हैं। हम भारत के प्रत्येक नागरिक तक आयु और सेहतसाथीऐप की सुविधाएँ पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं।

श्रेयांस मेहता आगे कहते हैं, अभी 50 प्रतिशत मामले राजस्थान से बाहर के आ रहे हैं। हमें अपने पूरे स्वास्थ पारिस्तिथिकी तंत्र के माध्यम से भारत के प्रत्येक राज्य को कोरोना से लड़ने और लोगों की मदद करके प्रसन्नता होगी। उनका कहना है “हमें इसे एक राज्य में लागू करने में सिर्फ एक दिन लगता है।”

मेडकॉर्ड्स के को-फाउंडर सैदा धनावत ने कहा, ”कोरोना के खिलाफ जंग में मेड्कॉर्ड्स सबसे आगे रह कर अपनी भूमिका निभा रहा है। महामारी के दौर में मेड्कॉर्डस की सुविधाएँ लोगों को घर बैठे विशेषज्ञ डॉक्टरों से स्वास्थ लाभ दिलाने में प्रभावी साबित हो रही हैं। लॉकडाउन में जिन लोगों को ओपीडी में जाने की आवश्यकता हो सकती है, उनके लिए हमारी स्वास्थ सुविधाएँ अधिक उपयोगी सिद्ध हो रही हैं, क्योंकि इस समय में अस्पताल जाने से इंफेक्शन का खतरा बढ़ सकता है। आज हमारे द्वारा शुरु किया गया यह स्वास्थ पारिस्थितिकी तंत्र देश की मदद को तैयार है, औऱ आज हम गर्व से कह सकते हैं कि इस बड़े स्वास्थ्य संकट से निपटने में हम भ अपनी भूमिका निभा रहे हैं।

श्रेयांस मेहता ने कहा, ”हमारे आयु और सेहता साथी ऐप ने गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा को सभी के लिए सुगम और आसान बनाया है,  सिर्फ एक क्लिक पर लोग घर बैठे देशभर के स्पेशलिस्ट डॉक्टरों से मदद ले सकते हैं। हमारी यह स्वास्थ सेवाएं हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में  इस्तेमाल की जा सकती हैं। हर भारतीय इन सुविधाओं का आसानी से लाभ ले सकते हैं।

मेड्कॉर्ड्स भारत के ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ सेवाओं की असमानता को कम करने के लिए काम कर रहा है।

आयु ऐप के जरिए ग्राहक विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श कर सकते हैं, अपनी मेडिकल हिस्ट्री को सुरक्षित रख सकते हैं और देश में किसी भी कोने से अपने नज़दीकी मेडिकल स्टोर पर दवाइयों के लिए ऑर्डर कर सकते हैं। ऐप में विस्तृत कोरोनावायरस गाइड भी है जो इसके लक्षणों के बारे में लोगों की ग़लतफ़हमियाँ दूर करती है। वे इस पर अपने लक्षण चैक भी कर सकते हैं। ये दोनों ऐप गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध हैं। यदि किसी के पास स्मार्टफोन नहीं है, तो वह हमें 7816811111 पर कॉल करके देश के किसी भी कोने से घर बैठे विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श कर सकता है।

मेडकॉर्ड्स के कोफाउंडर निखिल बाहेती का कहना है, ”देश के हर नागरिक के पास सही सूचना, योग्य डाॅक्टर और अपनी समस्या का संपूर्ण समाधान होना चाहिए। हम मेडकॉर्ड्स में यही उपलब्ध करवा रहे हैं।”

आयु और सेहत साथी ऐप बनाने वाली कंपनी मेडकॉर्ड्स की स्थापना 2017 में श्रेयांस मेहता, निखिल बाहेती और सैदा धनावत ने की थी। इसे इन्फोएज, आशीष जैन- वाटर ब्रिज वेंचर्स, एस्टार्क वेंचर्स, सीआईआईई और राजस्थान सरकार के आईस्टार्ट कार्यक्रम का सहयोग प्राप्त है।



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