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कोरोना वायरस की शुरुआत कहां से हुई है इसे लेकर श शुरू से ही चीन और अमेरिका एक दूसरे के ऊपर दोष लगाते आ रहे हैं। और चीन के एक सुपर कंप्यूटर के अनुसार अमेरिका के अस्पताल में पिछले साल एक रहस्यमय निमोनिया का केस सामने आया था। जिसे यह सुपर कंप्यूटर कोरोना वायरस से जोड़कर देख रहा है। तियानजीन में स्थित नेशनल सुपर कंप्यूटर सेंटर के तियान एक मशीन ने जुलाई महीने में गंभीर रूप से बीमार पड़े एक अमेरिकी मरीज की कंप्यूटराइज टोमोग्राफी इमेज निकाली है। और इस स्कैनिंग के आधार पर यह शख्स पूर्ण रूप से कोरोना संक्रमित हो सकता है ऐसी संभावना कंप्यूटर द्वारा जताई गई है।
इस रिपोर्ट में यह बताया गया है कि उस मरीज के दोनों फेफड़े के निचले हिस्से पर सफेद पैचेस पाए गए। यह लक्षण ऐसे थे जो साधारण निमोनिया में नहीं नजर आते हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक ये इमेज कोविड-19 के फीचर्स जैसे नजर आ रहे हैं। इसलिए इन फीचर्स को ध्यान में रखकर इस महामारी से जुड़ी जानकारी और टेस्ट करने की सलाह दी गई है।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि यह मरीज नॉर्थ कैरोलिना के हॉस्पिटल में एक ही वक्त पर भर्ती हुए पांच अन्य मरीजों के समान था। जिन सभी की हालत फेफड़े की वजह से गंभीर थी। इन पांचों मरीज की उम्र 18 से 35 साल के बीच बताई गई है। इन्हे सांस लेने में तकलीफ, उल्टी, पेट में बेचैनी, और तेज बुखार जैसे लक्षण दिखाई दिए थे। उस समय वहां के डॉक्टर ने इनकी इन्फ्लूएंजा और अन्य रोगाणुओं से जुड़े टेस्ट करवाए थे। वह सब नेगेटिव आए थे पूरी ट्रीटमेंट के बाद यह मरीज ठीक भी हो गए थे।
चीन के सुपर कंप्यूटर ने जिन लक्षणों की पहचान कि वह कोविड-19 और वैपिंग के मरीज में कॉमन हो सकती है। इसलिए कोई भी पुख्ता सबूत नहीं कहा जा सकता। लेकिन चीन के इस कंप्यूटर के द्वारा सामने लाए गए इस फैक्ट से अमेरिका जरूर नाराज हुआ है।
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