Saturday, May 2, 2020

सांप्रदायिक राजनीति छोड़ अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए मिलकर करना होगा काम- शिवसेना

कोरोना लॉकडाउन के चलते देश की अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। जिसे लेकर आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन भी अपनी चिंता जाहिर कर चुके है। जिसके बाद महाराष्ट्र की सत्ताधारी पार्टी ने भी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इस समय सभी राजनीतिक दलों को सांप्रदायिक राजनीति छोड़ कर अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए काम करना चाहिए। शिवसेना ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन की बीच हुई चर्चा से पता चलता है कि यह समय अर्थव्यवस्था के लिए कितना कठिन है। ऐसे में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के प्रयास करने चाहिए।

शिवसेना के मुताबिक अमेरिका में बेरोजगारी भत्ते की व्यवस्था है लेकिन भारत के पास नहीं है। बता दे हाल ही में राहुल गांधी द्वारा पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन का इंटरव्यू लिया गया। जिसमें राजन का कहना था कि भारत में लॉकडाउन के चलते करीब 10 करोड़ लोग बेरोजगार हो जाएंगे। इस स्तिथि में परेशानी का सामना कर रहे गरीब लोगों के लिए 65000 करोड़ रुपए खर्च करने की आवश्यकता है। लॉकडाउन के आर्थिक परिणाम पूरे देश पर पड़ेंगे।

देश में कोरोना वायरस मरीजों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। इस महामारी की वजह से देश में अब तक 1218 लोगों की मौत हो चुकी है। वही 37336 लोग इस संक्रमण की वजह से प्रभावित हुए है। वही विश्वभर में कोरोना से 33,38,788 लोग संक्रमित हुए हैं और 2,38,096 लोगों की मौत हो चुकी है।

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