‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ के तहत कई सरकारी सुधारों और सहायक उपायों की घोषणा की गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध करने के लिए आत्मनिर्भर भारत पैकेज में भूमि, श्रम, तरलता और कानूनों पर विशेष जोर दिया गया है। संकट और चुनौती एक आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करने का अवसर है।
वित्त मंत्री ने कहा कि सुधारों की श्रृंखला के तहत ही आज भी अहम घोषणाएं की गई हैं। लॉकडाउन के तुरंत बाद हमने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज (पीएमजीकेपी) की घोषणा कर दी। 1.70 लाख करोड़ रुपये के पीएमजीकेपी के एक हिस्से के रूप में सरकार ने मुफ्त खाद्यान्न के वितरण, महिलाओं एवं गरीब वरिष्ठ नागरिकों और किसानों को नकद भुगतान, इत्यादि की घोषणा की। पैकेज के त्वरित कार्यान्वयन पर निरंतर करीबी नजर रखी जा रही है। लगभग 41 करोड़ गरीबों को पीएमजीकेपी के तहत 52,608 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता मिली।
वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि पीएमजीकेपी के तहत लोगों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग किया गया है। उन्होंने कहा कि हमने जो भी किया वह पिछले कुछ वर्षों के दौरान की गई अभिनव पहलों की बदौलत ही संभव हो पाया।
प्रमुख घोषणाएं:
रोजगार को बढ़ावा देने हेतु मनरेगा के लिए आवंटन में 40,000 करोड़ रुपये की वृद्धि
भारत को भावी महामारियों हेतु तैयार करने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य में निवेश बढ़ाने के साथ-साथ स्वास्थ्य संबंधी अन्य सुधार
‘कोविड’ के बाद समानता के साथ प्रौद्योगिकी आधारित शिक्षा
आईबीसी से संबंधित उपायों के जरिए ‘कारोबार में सुगमता’ बढ़ाई जाएगी
कंपनी अधिनियम से संबंधित डिफॉल्ट को अपराध की श्रेणी से हटाया गया
कंपनियों के लिए कारोबार करने में सुगमता
एक नए, आत्मनिर्भर भारत के लिए सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम नीति
केवल वर्ष 2020-21 के लिए राज्यों की उधारी सीमा 3% से बढ़ाकर 5% की गई और राज्य स्तरीय सुधारों को बढ़ावा
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