Wednesday, June 3, 2020

ध्वनि प्रदूषण से बचना है बहुत जरूरी

वर्तमान समय में जिस तरह से लगातार वायु प्रदूषण बढ़ रहा हैं वो स्तन कैंसर और टी.बी के मरीजों के लिए ज्यादा खतरनाक हैं। क्यों कि कैंसर के मरीजो पर वायु प्रदूषण सीधा प्रभाव डालता हैं। आप इस बात से तो भलीभांति परिचित होगें कि मुंबई, दिल्ली और कोलकाता के ट्रैफिक से खूब वायु प्रदूषण फ़ैल रहा है।

जो दिन प्रतिदिन अपनी तादात में इजाफा देखने को मिलता हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने हर राज्य की प्रदूषण रोधी इकाइयों के साथ मिलकर सात बड़े शहरों में ध्वनि प्रदूषण की निगरानी की और इससे पता चला कि इन शहरों में ध्वनि प्रदूषण का औसत स्तर तय सीमा को पूरी तरह पार कर गया है।

लेकिन क्या आप जानते हैं बढ़ते ध्वनि प्रदूषण का हेल्थ पर क्या प्रभाव पड़ता है। लेकिन हम आपको ध्वनि प्रदूषण के बुरे प्रभावो के बारे बतां रहे हैं आमतौर पर नॉयज पॉल्यूशन से स्ट्रेस संबंधी समस्याएं खूब बढ़ती हैं। नींद डिस्टर्ब होती है और प्रोडक्टिविटी बहुत कम होती है। ध्वनि प्रदूषण का सुनने की क्षमता पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है।

तेज आवाज से ईयरड्रम डैमेज हो सकते हैं। ध्वनि प्रदूषण से बार-बार सिरदर्द, इरिटेशन और नर्वसनेस बढ़ जाती है, थकान महसूस होने लगती है और काम करने की क्षमता घट जाती है। ध्वनि और वायु प्रदूषण से कैंसर के साथ कई वृद्धों मं ब्लड़ प्रेशर आदि ऐसी कई परेशानियों का सामना करना पडता हैं।

 



from हेल्थ – Navyug Sandesh https://ift.tt/2zVoczD

No comments:

Post a Comment