सीमा पर चीन का अड़ियल रवैया देखते हुए भारत बातचीत के साथ-साथ सैन्य कार्रवाई करने का भी मन बना रहा है। उच्च सरकारी अधिकारियों का मानना है कि चीन के खिलाफ जरुरत पड़ने पर भारत को जवाबी कार्रवाई के लिए भी तैयार रहना होगा। यह कयास इसलिए लगाए जा रहे है क्योंकि एलएसी पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच जारी तनाव को लेकर चर्चा के दौरान सरकार के शीर्ष लोगों के बीच ‘टकराव’ और ‘लड़ाई’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया था।
एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत चीन के साथ टकराव बढ़ाना नहीं चाहता है लेकिन कोई समझौता करने के लिए भी तैयार नहीं है। सरकारी नेतृत्व का कहना है कि 20 भारतीय सैनिकों की शहादत के बाद तनाव को कम करने को लेकर चीन की ओर से कोई भी कदम उठता हुआ नहीं देखा गया। इसके उलट वह हमारे सैनिकों की शहादत पर दुःख जताने की वजाय उन्हें दोषी ठहरा रहा है। सूत्रों का मानना है कि चीन की करनी और कथनी में काफी फर्क दिख रहा है।
सीमा पर निर्माण क्षेत्र में चल रहे मसले पर सरकारी अधिकारियों का कहना है कि अप्रैल में जब चीन ने सीमा पर निर्माण शुरू किया था। तब सेना को दिल्ली से पैट्रोलिंग बढ़ाने के निर्देश दिए गये थे। वहीं, विदेश मंत्रालय का मानना भी है कि चीन ने ही पहले नियम उल्लंघन करते हुए निर्माण शुरू किया था।
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