भारी छूट के लिए तत्पर रहने वाले लोगों के लिए यह खबर बुरी लग सकती है। अब सरकार ऐमजॉन और फ्लिपकार्ट जैसे ऑनलाइन शॉपिंग प्लैटफॉर्म्स की ओर से दिए जाने वाले भारी छूट पर नजर रख रही है। सरकार ने ई-कॉमर्स पॉलिसी के ड्राफ्ट को संबंधित पक्षों के समक्ष चर्चा के लिए पेश किया। ड्राफ्ट में प्रस्ताव रखा गया है कि छूट को एक निश्चित तारीख के बाद रोक जाना चाहिए।
ड्राफ्ट में विधेयक तैयार किए जाने की बात कही गई है जिस में फूड डिलिवरी साइट्स जैसे स्विगि और जूमैटो को भी शामिल किए जाने की बात कही है। साथ ही अर्बन क्लैप और फाइनैंशल सर्विसेज एवं पेमेंट ऐप पेटीएम और पॉलिसीबाजार को भी इसके तहत लाने का प्रस्ताव है।
नियम बनने की आवश्यकता इसलिए भी है जिससे ये कम्पनियाँ लोकल बाजारों को खत्म कर पूरे बाज़ार पर एकाधिकार कर अपनी मनमानी ना करने लगें।इस विधेयक में कंज्यूमर प्रॉटेक्शन और ग्रीवेंस रीड्रेसल, एफडीआई, डेटा की लोकल स्टोरेज, लघु एवं मध्यम उद्योगों के विलय और अधिग्रहण की बात भी कही गई है। आम लोगों से राय लेने के बाद इस विधेयक में बदलाव भी किए जाएंगे।
जबरदस्त डिस्काउंट को देखते हुए बड़ी संख्या में ऑनलाइन शॉपिंग तय है। ऑनइलाइन शॉपिंग में आपको होम डिलीवरी, आसान रिफंड और कम कीमत जैसी कई सुविधाएं तो मिलती हैं लेकिन इसमें जोखिम भी हैं। क्रेडिट कार्ड या डेबिड कार्ड से पेमेंट करने पर फ्रॉड की आशंका बन जाती है।आपको सिक्यॉर साइट से ही शॉपिंग करनी चाहिए और डिस्काउंट देने वाली साइट्स से बचना ठीक होगा। किसी लिंक पर क्लिक करने की बजाय आपको संबंधित साइट का यूआरएल टाइप करना चाहिए।ऑनलाइन ट्रांजैक्शंस के दौरान यूआरएल ऐड्रेस पर ध्यान दें। यह सिक्योर साइट की निशानी है। कभी भी अपने ईमेल में ऑफर वाले लिंक पर क्लिक नहीं करें, जिसमें आपके अकाउंट और क्रेडिट कार्ड से जुड़ी जानकारी मांगी जाती है।
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