
बच्चों के व्यवहार के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है। वह कब प्यार में होते हैं फिर कब उनका मूड-मिजाज गर्म होता है। ऐसे में जरूरी है कि बच्चों के बदलते व्यवहार पर गौर किया जाए। अगर वह गुस्से में हैं तो कुछ खास लक्षण दिखेंगे, उन पर गौर करें और उन्हें समझने की कोशिश करें।
-अगर बच्चा बात करने में सहज महसूस नही कर रहा है तो इसके लिए तो उसका व्यवहार कुछ सही नहीं है। ऐसे में आप उसे उसका पसंदीदा टॉय दे सकते हैं। खेल-खेल में जान सकते हैं वह ऐसे रिएक्ट क्यों कर रहा है।
-कई बार बच्चे अपने हाथ पैरों को पटकने लगते है, या फिर मिट्टी व किसी अन्य चीज पर उछलना शुरू कर देते हैं। यह भी उनके गुस्से के लक्षण हैं। ऐसे में माता-पिता को उसपर गुस्सा करने की जगह उसका ध्यान बदलने की कोशिश करनी चाहिए। उससे कुछ ऐसा करने के लिए मोटीवेट करना चाहिए जिसमें उसकी दिलचस्पी हो। जिसे करने में उन्हें मजा आता हो, जैसे ड्रांइग, रीडिंग या कुछ और मजेदार।
-अक्सर पैरेंट्स अपने बच्चों को इग्नोर करने लगते हैं। यह आदत बच्चे के गुस्से को बढ़ावा देने में मददगार साबित होती है। बेहतर यही होगा कि हम बच्चों के साथ रहकर वक्त बिताएं। कुछ इनडोर व आउटडोर गेम्स खेंले ताकि उस बीच उनके हाई टेम्परामेंट की वजहों को समझा जा सके।
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