Tuesday, September 11, 2018

आईसक्रीम कोन की कहानी जानकर दंग रह जाएंगे आप!

आईसक्रीम बच्चों से लेकर बड़ों तक के चेहरे पर एक बड़ी सी स्माइल ले आती है। खासतौर से, कोन में आईसक्रीम खाने का आनंद अलग ही आता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपकी फेवरिट आईसक्रमी कोन कहां से आई। नहीं न, तो चलिए आज हम आपको आईसक्रीम कोन की कहानी के बारे में बताते हैं-


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आईसक्रीम कोन का जन्मदाता चीन को कहा जा सकता है। दरअसल, ईसा से 200 साल पूर्ण चीन में ही एक तरह की आईस क्रीम का आविष्कार हुआ जब दूध और चावल का एक मिश्रण बर्फ में पैक करने से जम गया था। माना जाता है कि रोमन सम्राट पहाड़ की चोटी से ताजा बर्फ लाने के लिए गुलाम भेजते थे जिसे स्वादिष्ट बनाकर परोसा जाता था जिसे एक तरह की आईस क्रीम कहा जा सकता है।

इसके बाद जब खोजी मार्को पोलो ने चीन यात्रा के दौरान आईसक्रीम बनती देखी तो उन्होंने इसका ज्ञान इटली के लोगों को भी दिया। सन् 1533 में इटली की राजकुमारी का विवाह फ्रांस के राजा हैनरी द्वितिय के साथ हुआ। वह अपने साथ कुछ इतालवी कुक भी ले आई थी जो जायकेदार बर्फ की रैसिपी जानते थे। 1660 में पैरिस के कैफे ने दूध, क्रीम, म्कखन और अंडे को फेंटकर आईस क्रीम बनाने की रैसिपी को प्राचारित किया।

इसके बाद सन् 1744 में ऑक्सफोर्ड इंगलिश डिक्शनरी में पहली बार आईस क्रीम शब्द प्रकाशित हुआ। अमेरिका में क्वेकर मूवमैंट के लोग आइस क्रीम लेकर आए जो इंगलैंड से आकर वहां बस गए थे। बाल्टीमोर के दूध व्यापारी जैकब फसेल ने बड़े पैमाने पर आईस क्रीम उत्पादन शुरू किया जिससे यह आम आदमी तक पहुंच गई।

आईस क्रीम कोन का आविष्कार हुए लगभग 114 साल बीत चुके हैं, लेकिन इतने सालों की यात्रा के बाद भी अब तक इसका आकार बहुत ज्यादा नहीं बदला है। एेसा इसलिए क्योंकि कोन पैकेजिंग एक बेहद पर्यावरण हितैषी ढंग है। इससे जरा भी चरा पैदा नहीं होता क्योंकि आईस क्रीम के साथ कोन को भी खा लिया जाता है। इसके अलावा आईस क्रीम विक्रेता कम जगह में ही एक के ऊपर एक रख कर कई सौ कोन स्टोर कर सकते हैं।

वैसे आविष्कारकों ने कोन के मूल डिजाइन में कुछ बदलाव करने के प्रयास किए। 1930 के दशक में एेसे एक आईस क्रीम कोन बनाई गई जिसमें आईस क्रीम पिघल कर भी उससे ना गिरे। यह एक बड़े कटोरे जैसे आकार का था जिसके बीच में आईस क्रीम डाली जाती थी और कोन की तरह वह बाहर को निकली नहीं होती थी।

कुछ अन्य बदलाव करने के प्रयास भी किए गए परंतु आज तक उनमें से कोई भी लोकप्रिय नहीं हो सका।

 



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