Thursday, November 22, 2018

जम्मू कश्मीर: ऐसे बदला सियासी समीकरण, अब सिर्फ चुनाव ही अंतिम विकल्प

जम्मू कश्मीर में सियासी उठापटक का दी ऐंड करते हुए राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने जम्मू कश्मीर विधानसभा को भंग कर दिया। इससे पहले पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने का प्रयास किया था। अब जम्मू कश्मीर में सरकार बनाने की संभावना खत्म हो गई है। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) नेशनल कांफ्रेंस(नेकां) और कांग्रेस के गठजोड़ से सरकार बनाने की शुरू हुई कोशिशें परवान चढ़ती इससे पहले ही बुधवार रात राजभवन ने राज्य विधानसभा भंग करने का आदेश जारी कर दिया। इसी के साथ सरकार बनाने की संभावना खत्म हो गई और अब चुनाव ही विकल्प बचा है।


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पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने 56 विधायकों का समर्थन होने का दावा किया था। लेकिन फैक्स राजभवन को रिसीव नहीं हुआ। महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर जानकारी दी कि आश्चर्यजनक रूप से फैक्स राजभवन को रिसीव नहीं हुआ, फोन पर भी राज्यपाल सत्यपाल मलिक से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन वह उपलब्ध नहीं हो पाए।

87 सदस्यीय राज्य विधानसभा में सरकार बनाने के लिए 44 विधायकों का समर्थन जरूरी है। भाजपा के पास 25 और सज्जाद गनी लोन के नेतृत्व वाली पीपुल्स कांफ्रेंस के दो विधायक हैं। पीडीपी के 29, नेशनल कांफ्रेंस के 15 और कांग्रेस के 12 विधायकों के अलावा पांच अन्य विधायक हैं।

नेकां, पीडीपी व कांग्रेस अगर आपस में मिलें तो कुल विधायक 56 होंगे। इनमें अगर पीडीपी के पांच बागी विधायकों को निकाला जाए तो 51 विधायक रहेंगे, जो सरकार बनाने के लिए जरूरी 44 विधायकों से ज्यादा हैं।



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