Sunday, December 9, 2018

B’day special: तो प्रधानमंत्री होतीं सोनिया गांधी

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और यूपीए की चैयरपर्सन सोनिया गांधी का राजनीतिक करियर भी लंबा रहा है। हालांकि, उन्हें राजनीतिक सूझबूझ कम थी और वह राजनीति में आने की इच्छुक भी नहीं थी। लेकिन, पार्टी के आगे उनको राजनीति में आना पड़ा। सोनिया गांधी से जुड़ी हम आपको एक ऐसी राजनीतिक घटना बताने जा रहे हैं अगर वह इंकार ना करतीं तो वह दस साल पहले भारत की प्रधानमंत्री बन चुकी होतीं।कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी अगर इंकार ना करतीं तो भारत की प्रधानमंत्री होतीं।


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कांग्रेस की अगुवाई में बने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन यानि प्रोग्रेसिव एलायंस को जब 2004 के आम चुनाव में बहुमत मिला तो पूरे देश के साथ कांग्रेसी ओर उसके सहयोगी दल सोच रहे थे कि सोनिया गांधी के नाम का एलान प्रधानमंत्री के तौर पर आगे किया जाएगा। इस बात से उनके सहयोगी दलों को भी कोई एतराज नहीं था कि वह प्रधानमंत्री बनें।

क्योंकि, विपक्ष लगातार उनके विदेशी मूल के मुद्दे पर हंगामा कर रहा था। लेकिन, सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री बनने से इंकार करते हुए मनमोहन सिंह का नाम आगे बढ़ाया। इस बात को लेकर कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सोनिया गांधी से ही प्रधानमंत्री बनने का निवेदन किया। लेकिन, सोनिया गांंधी ने इस बात पर अडिग रहते हुए मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाया। मनमोहन सिंह 2004 से 2014 तक यूपीए की केंद्र सरकार के सर्वोसर्वा यानि प्रधानमंत्री रहे। गौरतलब है कि मनमोहन सिंह राज्यसभा सांसद थे।

कांग्रेस पार्टी की पूर्व अध्यक्ष और यूपीए की चैयरपर्सन सोनिया गांधी का आज जन्मदिन है। 9 दिसंबर 1946 को इटली के लूसियाना में जन्मी सोनिया गांधी 72 वर्ष की हो गई हैं। वे रायबरेली, उत्तरप्रदेश से सांसद हैं और इसके साथ ही वे 15वीं लोक सभा में न सिर्फ़ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, बल्कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की भी प्रमुख हैं।

वे 14वीं लोक सभा में भी यूपीए की अध्यक्ष थीं। कांग्रेस के 132 वर्षो के इतिहास में सर्वाधिक लंबे समय तक रहने वाली अध्यक्ष है, वह 1998 से 2017 तक इस पद पर रही थी।



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