पेट संबंधी दवाओं का इस्तेमाल करने वालों में बैक्टीरिया से होने वाले इंफेक्शन की संभावना बहुत ज्यादा होती है और यह लगातार दस्त, बड़ी आंत में संक्रमण जैसी बीमारियों का गंभीर कारण बन सकता है। यह बात हाल ही हुए एक शोध में सामने आई। शोधकर्ताओं की टीम में भारतीय मूल के शोधकर्ता भी शामिल हैं।
क्लोस्ट्रिडियम डिफिसिले कोलाइटिस (सी-डिफ) के संक्रमण से बड़ी आंत में सामान्य स्वस्थ जीवाणुओं का विघटन भी होता है। यह अक्सर ऐंटीबायोटिक्स के उपयोग के कारण ही होता है। निष्कर्षों से पता चलता है कि सी-डिफ वाले मरीजों में पेट में गैस बनने को रोकने के लिए दी जाने वाली दवाओं से सी-डिफ का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है।
अमेरिका के गैर लाभकारी मायो क्लिनिक के गैस्ट्रोइंटेरोलजिस्ट ने कहा, ‘शोध में पाया गया है कि पेट में गैस बनने से रोकने की दवाओं से मरीजों में सी-डिफ के मामलों का जोखिम भी बहुत ज्यादा बढ़ जाता है।’
इस शोध का प्रकाशन जामा इंटर्नल मेडिसिन में किया गया है। इसमें शोध दल ने लगभग 7,703 मरीजों के सी-डिफ के 16 शोधों का अध्ययन किया। शोधकर्ताओं ने पेट में गैस बनने से रोकने वाली दवाओं का विश्लेषण भी किया। इसमें ओपेराजोल, हिस्टामाइटन 2 रानिटिडाइन जैसे दवाएं भी आम तौर पर दी जाती है।
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