महिलाओं के शरीर में पुरूषों की तुलना समय-समय पर अधिक बदलाव होते हैं, जिसके कारण उनके हार्मोन्स में भी बदलाव आता है। महिलाओं के शरीर में अक्सर हॉर्मोन्स का स्तर घटता-बढ़ता रहता है। वैसे हार्मोन्स की गड़बड़ी के संकेत आप अपने शरीर में होने वाले कुछ बदलावों की मदद से पता लगा सकती हैं। तो चलिए जानते हैं इन बदलावों के बारे में-
अगर आपका वजन एकदम से बहुत अधिक घटने-बढ़ने लगे तो यह शरीर में हॉर्मोन से जुड़े बदलावों की ओर संकेत करता है। शरीर में मौजूद थायरॉइड ग्लैंड मेटाबॉलिज्म से जुड़े हॉर्मोन्स को नियंत्रित करता है और इसी की वजह से वजन बढ़ता या घटता है। ऐसे में वेट गेन या वेट लॉस के साथ आपको ठंड, थकान, ड्राई स्किन और कब्ज की समस्या भी दिखे तो समझ लें कि आपका थायरॉइड ग्लैंड कम हॉर्मोन्स बना रहा है।
वहीं शरीर में हॉर्मोनल गड़बड़ी होने पर महिला को लगातार थकान और कमजोरी महसूस होना, खासतौर पर मेनॉपॉज और पोस्ट मेनॉपॉज के स्टेज वाली महिलाओं में। स्ट्रेस हॉर्मोन कॉर्टिसोल का लेवल शरीर में सीधे तौर पर सेरोटोनिन के सीक्रिशन को प्रभावित करता है जो एक हैपी हॉर्मोन है। लिहाजा अगर आपको थकान और कमजोरी के साथ डिप्रेशन और निराशा महसूस हो रही हो तो यह हॉर्मोनल गड़बड़ी का निश्चित संकेत है।
मूड स्विंग्स भी हार्मोनल गड़बड़ी की ओर इशारा करते हैं। सरोटोनिन और इन्डॉर्फिन शरीर में खुशियां पैदा करने वाले हॉर्मोन्स हैं। जब शरीर में इन हॉर्मोन्स का लेवल बहुत ज्यादा बढ़ जाता है तो हमें दर्द और तकलीफ महसूस होती है और जब इनका लेवल कम रहता है तो हमें खुशी और सकरात्मकता महसूस होती है। लेकिन जब ये हॉर्मोन्स शरीर में गड़बड़ हो जाते हैं तो हमें मूड स्विंग होने लगता है। साथ ही जब इन हॉर्मोन्स का प्रॉडक्शन कम हो जाता है तो हमें डिप्रेशन और तनाव महसूस होने लगता है।
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