छींक एक ऐसी चीज है, जो व्यक्ति को कभी भी आ सकती है। कभी सर्दी-जुकाम होने पर तो कभी यूं ही छींक आ जाती है। कभी-कभी यही छींक व्यक्ति पर काफी भारी पड़ जाती है। तो चलिए जानते हैं कि किस तरह से हमें छींकना चाहिए, ताकि न तो हम बैक्टीरिया के कारण बीमार पड़ें और न ही आपके सामने वाला व्यक्ति जिसके सामने आपने छींका है वो बीमार पड़े-
दरअसल, जब हम छींकते हैं तो यह जरूरी नहीं है कि व्यक्ति के पास रुमाल या टिशू पेपर हो। लेकिन अगर आप अपने हाथों में छींकते हैं तो आप दूसरों को बड़े आसानी से बीमार कर देते हैं। आप उसी हाथ से दरवाजा खोलते हैं, हाथ मिलाते हैं। इसके जरिए आपके हाथों के कीटाणु दूसरे व्यक्ति के संपर्क में आ जाते हैं।
अगर छींकते वक्त आप अपने हाथों को आगे रखते हैं तो यह बेहद जरूरी है कि जब भी आप छींकें तो अपने हाथों को तुरंत साफ करें। ताकि आपके साथ.साथ आपके आसपास के लोग भी स्वस्थ रह सकें।
अगर छींकने के वक्त आपके पास रुमाल या टिशू पेपर नहीं है तो आप अपने टीशर्ट व शर्ट के स्लीव में छींक सकते हैं। न कि अपने हथेलियों पर छींके। सबसे महत्वपूर्ण बात याद रखिए कि छींकने के बाद अपने हाथ जरूर धोएं।
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