सीढ़ी का इस्तेमाल तो हर घर में किया जाता है। लेकिन क्या आप इस बात से वाकिफ हैं कि सीढ़ियों का भी अपना एक वास्तुशास्त्र होता है और अगर आप वास्तु के उन नियमों को ध्यान में रखकर घर की सीढ़ियों का निर्माण करते हैं तो आपके जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली का वास होता है। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में-
सीढ़ियां बनाते समय दिशाओं पर विचार करना बेहद आवश्यक माना जाता है। सीढ़ी पूर्व या दक्षिण दिशा में होना शुभ माना जाता है। ये सबसे उत्तम दिशा होती है। इसके अलावा आप सीढ़ी का निर्माण दक्षिण-पश्चिम के दाई ओर भी कर सकते हैं।
सीढ़ियों के नीचे जो जगह बच जाती है, उसका इस्तेमाल लोग कई तरह से करते हैं। जैसे सीढ़ियों के नीचे सिलेंडर, जूता स्टैंड या कबाड़ रखना, लेकिन वास्तु के लिहाज से उसे उचित नहीं समझा जाता। इसके अतिरिक्त सीढ़ियों के नीचे कभी पूजाघर या बाथरूम का निर्माण न कराएं।
कुछ घरों में घुमावदार सीढ़ियां बनाई जाती हैं, जो देखने में काफी अच्छी लगती हैं। अगर आप घर में ऐसी सीढ़ी बना रहे हैं तो याद रखें सीढ़ी का घुमाव हमेशा पूर्व से दक्षिण, दक्षिण से पश्चिम, पश्चिम से उत्तर या उत्तर से पूर्व की ओर ही हो।
यदि सीढ़ियां गलत दिशा में बन ही गई हैं और आप किसी तरह की तोड़-फोड़ नहीं करना चाहते तो सीढ़ी के सामने बड़ा सा शीशा लगा दें। इससे सीढ़ी का वास्तुदोष दूर हो जाएगा।
from लाइफस्टाइल – Navyug Sandesh http://bit.ly/2XgZ9xl
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