Saturday, July 13, 2019

गर्भावस्था के नाजुक दौर में खानपान का रखे विशेष ध्यान

गर्भावस्था के नाजुक दौर में महिला का खानपान न सिर्फ उसकी बल्कि बच्चे की सेहत को भी प्रभावित करता है। खासतौर से, जहां मां द्वारा लिया गया भोजन एक ओर बच्चे को पोषण प्रदान करता है, वहीं गलत खानपान से उसकी जान पर बन आती है। ऐसे में महिला को किसी भी चीज का सेवन करने से पहले सौ बार सोचना चाहिए। तो चलिए आज हम आपको ऐसे कुछ खाद्य पदार्थों के बारे में बता रहे हैं, जो मिसकैरिज तक का कारण बन सकते हैं। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में-

गर्भावस्था में आवश्यकता से अधिक कैफीन का सेवन गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास पर असर डालता है। प्रेग्नेंट औरत को चॉकलेट का भी कम से कम इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि चॉकलेट में भी कैफीन पाया जाता है, जो मां और उसके होने वाले बच्चे दोनोंं की सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है।

इस दौरान अल्कोहल का सेवन भूलकर भी न करें। आपको शायद पता न हो लेकिन अल्कोहल का ज्यादा सेवन न सिर्फ गर्भपात के खतरे को 50 प्रतिशत तक बढ़ाता है, बल्कि इससे बच्चे के विकास पर भी बुरा असर पड़ता है।

प्रेग्नेंट औरत को ऐसे भोजन का सेवन करना चाहिए जिनमें पोषक तत्व भरपूर हो। फ्रोजेन फूड इस अवस्था में खाने उचित नहीं माने जाते क्योंकि इसमें पोष्टिक तत्व न के बराबर होते है। साथ ही यह फूड प्वॉयजनिंग की वजह भी बन सकते है।

वैसे तो पपीता खाना सेहत के लिए फायदेमंद होता है लेकिन पपीता कच्चा हो या पक्का इसे गर्भवस्था में नही खाना चाहिए। दरअसल, पपीता में लेटेक्स होता है जो यूटेराइन कॉनट्रैक्शन शुरू कर देता है। इसकी वजह से प्रेग्नेंसी में समय से पहले ही लेबर पेन शुरू हो सकता है और गर्भपात हो सकता है।



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