आमतौर पर यह धारणा है कि 8 ग्लास पानी पीने से इंसान की सेहत ठीक रहती है। लेकिन इस आम धारणा को एक स्टडी ने नकार दिया है। ऑस्ट्रेलिया की मोनाश यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के नेतृत्व में हुई इस स्टडी में खुलासा किया गया है कि ज्यादा पानी पीना जानलेवा साबित हो सकता है। मोनाश में असोसिएट प्रफेसर ने बताया, ‘शरीर की मांग के मुताबिक अगर हम कुछ करते हैं, तो वह सही होता है। यानी जब प्यास लगे तभी पानी पिएं, एक तय शेड्यूल के मुताबिक पानी पीने से परहेज करे।’
इस स्टडी से पता चला है कि जरूरत से ज्यादा पानी लेने पर ब्रेन इसका संकेत दे देता है। अत्यधिक मात्रा होने पर पानी को निगलने में कठिनाई के रूप में यह संकेत होता है। यह जरूरत के मुताबिक शरीर को पानी की आपूर्ति में हेल्प करता है।
शोधकर्ताओं ने स्टडी के प्रतिभागियों से दो स्थिति में पानी निगलने में लगाने वाली ताकत की मात्रा की रेटिंग करने को कहा। पहली स्थिति में प्यास लगने पर पानी पीने पर रेटिंग करने को कहा गया। दूसरी स्थिति में प्यास के बगैर जरूरत से ज्यादा पानी पीना थी।
रिजल्ट्स से यह बात सामने आई कि जरूरत से ज्यादा पानी में तीन गुना से ज्यादा ताकत लगानी पड़ती है। फैरल ने बताया, ‘हमने पहली बार यह देखा कि जरूरत से ज्यादा पानी पीने के लिए अतिरिक्त प्रयास करना पड़ता है। इसका मतलब यह है कि ज्यादा पानी लेने की स्थिति में हमारे शरीर को एक तरह की रुकावट का सामना करना पड़ता है।’
शोधकर्ताओं ने ब्रेन के अलग-अलग हिस्सों की गतिविधि को मापने के लिए फंक्शनल मैगनेटिक रिजॉनेंस इमेजिंग (एफएमआरआई) का इस्तेमाल किया। एफएमआरआई से सामने आया कि जब प्रतिभागियों ने जरूरत से ज्यादा पानी पीने का प्रयास किया तो उनके दिमाग का सामने का दायां हिस्सा ज्यादा एक्टिव था।
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