Sunday, October 27, 2019

बच्चों का घटता वजन बन सकता है डाइबिटीज का कारण, जानिए इसका समाधान

बच्चों में डायबिटीज की समस्या बहुत ही तेजी से बढ़ रही है। बच्चों में इस बीमारी की पहचान तो आसानी से हो जाती है, लेकिन इलाज मुश्किल होता है। खासतौर पर नवजात पर ध्यान देने की काफी जरूरत है।

अगर नवजात का वजन गिरे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए क्योंकि यह डायबिटीज का लक्षण हो सकता है। केजीएमयू सर्जिकल आंकोलॉजी विभाग के डॉ. ने कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के 59वें स्थापना दिवस पर यह महत्वपूर्ण जानकारी हमें दी। इस मौके पर विशेषज्ञों ने विभिन्न बीमारियों के इलाज के अलावा लाइफस्टाइल में बदलाव पर भी चर्चा की।

उन्होंने बताया कि बच्चों में टाइप वन डायबिटीज होता है। अभी तक ऐसे बच्चे जीवनभर इंसुलिन पर निर्भर रहते थे लेकिन दवा और स्टेम सेल थेरेपी से इसका इलाज मुमकिन हो गया है। एक लाख में एक बच्चा टाइप वन डायबिटीज से पीड़ित होता है। इससे बच्चों में ऑटो इम्यून सिस्टम गड़बड़ा जाता है। पैंक्रियाज में बीटा सेल का निर्माण प्रभावित होने से वजन 10 से 15 दिन के भीतर काफी घट जाता है। समय पर इलाज न मिलने पर बच्चा कोमा में भी जा सकता है।

डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक ने कहा कि मौसम का मिजाज और लोगों के खानपान में बदलाव की वजह से बीमारियां भी तेजी से बढ़ रही हैं। शरीर में रोगों से लड़ने की ताकत कम हुई है। ऐसे में जरूरी है कि इलाज से ज्यादा बीमारियों से बचाव पर जोर दिया जाए। इसके अलावा टीकाकरण के प्रति लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। इससे शरीर में बीमारी से लड़ने की ताकत पैदा होती है। इसके अलावा साफ-सफाई पर भी जोर होना चाहिए। हाथ साफ करने के बाद ही भोजन करना चाहिए। इन्फेक्शन से बचने के लिए हाथ मिलाने से परहेज करना चाहिए।



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