दीवाली (Diwali) इस वर्ष 27 अक्टूबर 2019 को है। दीवाली के अवसर पर शुभ मुहूर्त में लक्ष्मी पूजन विशेष फलदायी होता है। दिवाली पर शुभ मुहूर्त में सही विधि-विधान से लक्ष्मी का पूजन करने पर मां लक्ष्मी की कृपा से घर में धन और धान्य की कमी नहीं रहती है। इस वर्ष शाम 7.15 बजे से रात 8:36 बजे तक पूजा करना विशेष शुभप्रद माना जा रहा है।
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त – शाम 7 बजकर 15 मिनट से 8 बजकर 36 मिनट तक
प्रदोश काल- शाम 6 बजकर 4 मिनट से 8 बजकर 36 मिनट तक
वृषभ काल- शाम 7 बजकर 15 मिनट से 9 बजकर15 मिनट तक
इस दिन मां लक्ष्मी, गणेश जी और धन के देवता कुबेर की पूजा की जाती है। दीवाली की तैयारियां एक हफ्ते पहले से ही शुरू हो जाती हैं। लोग अपने घरों की अच्छे से सफाई कर उसे सजाते हैं और दिवाली वाले दिन मां लक्ष्मी के आगमन के लिए विधि विधान पूजा करते हैं।
दिवाली (Diwali) पर प्रदोष काल से लेकर अर्धरात्रि तक महालक्ष्मी पूजन मंत्र, जप, अनुष्ठान आदि करने का महत्व होता है। इसके अलावा रात्रि में चौमुखा घी का दीपक जलाकर लक्ष्मी सूक्त श्री सूक्त एवं कनक धारा स्तोत्र का पाठ करना शुभ होता है।
सूर्यास्त के समय अपने घर में जहां पूजन करना है वहां साफ सफाई करके गंगाजल से उस स्थान को शुद्ध कर लीजिए। अब एक नई चौकी पर नया लाल कपड़ा बिछाए। इससे पहले चौकी पर स्वास्तिक और शुभ लाभ के चिह्न बनाएं और गणेश लक्ष्मी की स्थापना करें। धन लक्ष्मी को चावल से बनी खीर और या फिर दूध से बने पकवानों का ही भोग लगाना चाहिए।
मंत्र: ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:॥
क्या है धार्मिक मान्यता?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान राम रावण का वध करके अयोध्या वापस लौटे थे। और उनके आगमन की खुशी में समस्त अयोध्या वासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था। इस पर्व को असत्य पर सत्य की जीत के तौर पर मनाया जाता है।
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