
हम सभी को कई बार गिरने या चोट लगने से खून निकलता है। अगर कम चोट में ब्लड क्लॉट बन जाने से खून नहीं निकले तो परेशान होने की कोई आवश्यकता नहीं है। लेकिन चोट बहुत तेज लगी हो और ब्लड क्लॉट हो जाए तो समस्या बहुत गंभीर हो सकती है। जहां खून का बहाव होना चाहिए अगर वहां खून नहीं निकले तो आगे किसी बड़ी गंभीर समस्या को पैदा कर सकती है।
उदाहरण के लिए अगर ब्रैन की तरफ जाने वाला ब्लड क्लॉट हो जाए तो यह स्ट्रोक का महत्वपूर्ण कारण बन सकता है। वहीं पैरों में होने वाली ब्लड क्लॉटिंग को डीप वैन थ्रोमोबोसिस कहते हैं। ये पैरों से शुरू होकर फेफड़ों तक पूरी तरह जाती है। सर्जन के अनुसार ब्लड क्लॉटिंग बड़ी बीमारी का रुप लगातार लेती जा रही है। एक्सपर्ट की मानें तो इन 8 प्रकार के लोगों में ब्लड क्लॉटिंग की समस्या सबसे अधिक होती है।
हम सभी को कई बार गिरने या चोट लगने से खून निकलता है। अगर कम चोट में ब्लड क्लॉट बन जाने से खून नहीं निकले तो परेशान होने की कोई आवश्यकता नहीं है। लेकिन चोट बहुत तेज लगी हो और ब्लड क्लॉट हो जाए तो समस्या बहुत गंभीर हो सकती है। जहां खून का बहाव होना चाहिए अगर वहां खून नहीं निकले तो आगे किसी बड़ी गंभीर समस्या को पैदा कर सकती है।
उदाहरण के लिए अगर ब्रैन की तरफ जाने वाला ब्लड क्लॉट हो जाए तो यह स्ट्रोक का महत्वपूर्ण कारण बन सकता है। वहीं पैरों में होने वाली ब्लड क्लॉटिंग को डीप वैन थ्रोमोबोसिस कहते हैं। ये पैरों से शुरू होकर फेफड़ों तक पूरी तरह जाती है। सर्जन के अनुसार ब्लड क्लॉटिंग बड़ी बीमारी का रुप लगातार लेती जा रही है। एक्सपर्ट की मानें तो इन 8 प्रकार के लोगों में ब्लड क्लॉटिंग की समस्या सबसे अधिक होती है।
from लाइफस्टाइल – Navyug Sandesh https://ift.tt/36VpINI
No comments:
Post a Comment