हम सभी एक बेदाग, फ्लॉलेस कॉम्प्लेक्शन पाने को तरसते है। लेकिन कई पर्यावरणीय और आनुवंशिक कारकों के कारण, हमारी त्वचा प्रभावित हो जाती है और धीरे-धीरे अपनी चमक खो देती है।
केमिकल पील, एक कॉस्मेटिक उपचार है जिसका उपयोग आपकी त्वचा की उपस्थिति में सुधार करने के लिए किया जाता है। इससे त्वचा की निम्न स्थितियों का प्रभावी ढंग से उपचार किया जा सकता है जैसे फाइन लिंक्स और झुर्रियाँ, दाग धब्बे, सन टैन, एक्ने और निशान आदि।
केमिकल पील तीन प्रकार के होते हैं, अर्थात् – सपरफिशल/ लाइट पील – इसमें अल्फा-हाइड्रोक्सी एसिड जैसे हल्के एसिड का उपयोग कर के त्वचा की बाहरी परत को छिद्रित किया जाता है।
मीडियम पील – क्षतिग्रस्त कोशिकाओं की मरम्मत के लिए यह अधिक प्रभावी है।
मीडियम पील में आपकी त्वचा की बाहरी और मध्य परतों तक पहुंचने के लिए ग्लाइकोलिक एसिड या ट्राइक्लोरोएसेटिक एसिड का उपयोग करते हैं।
डीप पील – इसमें त्वचा की मध्य परत तक पहुँचने और क्षतिग्रस्त होने वाली त्वचा की कोशिकाओं को ठीक करने के लिए ट्राइक्लोरोएसेटिक एसिड या फिनोल का उपयोग किया जाता है।
इलाज कैसे किया जाता है?
केमिकल पील एक आउट- पेशंट प्रक्रिया है, जिसका अर्थ है कि उपचार के बाद रोगी को अस्पताल में रात भर नहीं रहना पड़ता है।
सबसे पहले, आपका चेहरा साफ किया जाएगा और आपकी आँखें धुंध या काले चश्मे से ढँक दी जाएंगी।डॉक्टर आमतौर पर चेहरे पर ट्राइक्लोरोएसेटिक एसिड या ग्लाइकोलिक एसिड या सैलिसिलिक एसिड (केमिकल पील के प्रकार के आधार पर) से बना एक केमिकल सॉल्यूशन लगाते है, जिसे कुछ मिनटों के लिए छोड़ दिया जाता है। जब आपकी स्किन निखारना शुरू हो जाती है, तो डॉक्टर त्वचा पर कोल्ड कंप्रेस या न्यूट्रलाइजिंग सॉल्यूशन लगा देते है।
डीप केमिकल पील चुनने वाले लोगों के इलाज के हिस्से को एनेस्थीसिया से सुन्न कर दिया जाता है।
उपचार के बाद के दिशानिर्देश
प्रक्रिया के बाद, रोगियों को इलाज वाले हिस्से पर लालिमा या सूजन की संभावना होती है। इसके लिए, इन उपायों का पालन करना होगा:
- आप त्वचा पर मरहम लगा सकते है, जैसे पेट्रोलियम जेली।
- त्वचा को शांत करने के लिए आइस पैक का इस्तमाल करें।
- दर्द से छुटकारा पाने के लिए ओवर-द-काउंटर पेनकिलर का उपयोग करें (डॉक्टर द्वारा निर्धारित)।
न्यू एज केमिकल पील को क्षतिग्रस्त त्वचा को स्वस्थ, चिकनी बनाने में लगभग दो सप्ताह लगते है। इस प्रक्रिया के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि कोई उम्र सीमा नहीं है। कोई भी इस उपचार का विकल्प चुन सकता है।
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