नागरिकता संशोधन बिल को लेकर महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी (शिवेसना, एनसीपी और कांग्रेस) गठबंधन में मतभेद सामने आने लगे हैं। जहाँ एक और इस मुद्दे पर शिवसेना केन्द्र सरकार के साथ खड़ी नज़र आ रही है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस इस बिल को लेकर केंद्र सरकार पर धार्मिक आधार पर भेदभाव का आरोप लगा रही है। कांग्रेस का कहना है कि भाजपा देश को धार्मिक आधार पर विभाजित कर रही है।
कांग्रेस का कहना है कि महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी की न्यूनतम साझा क्रायक्रम के अनुसार यह तय किया गया है कि किसी भी राष्ट्रीय मुद्दे पर आपसी सहमति के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा।कांग्रेस का कहना है कि वो नागरिकता संशोधन बिल के विषय पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बात करेगी और आपसी सहमति से ही कोई निर्णय लिया जाएगा।
केंद्र सरकार द्वारा इसी शीतकालीन सत्र में यह बिल सदन में पेश किया जाएगा। अब ये देखना बेहद दिलचस्प होगा कि शिवसेना इस पर क्या रूख अख्तियार करती है?
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