शुक्रवार को देश की संसद का बजट सत्र शुरु हो चुका है बजट पेश करने से पहले सरकार हर साल आर्थिक सर्वेक्षण पेश करती है। यह आर्थिक सर्वेक्षण बताते है कि देश में किन सेक्टर्स में कमी है और उन्हें कैसे दूर किया जा सकता है, इसके अलावा सरकार की आगामी नितियोें और पूर्वाग्रहों को बताया जाता है। शुक्रवार को देश की पहली महिला पूर्णकालिक महिला निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया गया है। जिसमें बताया गया कि देश की जीडीपी ग्रोथ रेट 2020-21 में 6 की बजाय 6.8 रहने का अनुमान है।
2019-20 में देश की जीडीपी का ग्रोथ 5 फीसद है वही पिछले वित्त वर्ष 6.8 फीसद था। मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान अपना पहला पूर्ण बजट पेश करेगी। अगर हम देश के आर्थिक हालातों की बात करें तो देश में इस समय आर्थिक हालत काफी खराब मानें जा रहे है। आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक देश में 2020 की दूसरी छमाही में देश की अर्थव्यवस्था वापस अपनी पटरी पर लौट आएगी। कहा जा रहा है कि आगामी वित्त वर्ष 2021 में इसको मजबूत बनाने का अनुमान जताया जा रहा है।
सर्वे में माना गया है कि जीडीपी ग्रोथ कम रहने का मुख्यत कारण मांग और निवेश रहा है। उम्मीद की जा रही है कि सरकार बजट में व्यक्तिगत करदाताओं को कर में राहत देगी। इसके साथ ही इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश बढ़ाने वाली घोषनाएं कर सकती है। मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमणयम ने कहा कि कृषि क्षेत्र में 2020-21 में 2.8 फीसद ग्रोथ आ सकती है। मोदी सरकार कल यानि 1 फरवरी को संसद में अपना बजट पेश करेगी।
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