
कोरोना महामारी, तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों के सेवन से बढ़ते संक्रमण को मध्यनजर रखते हुए इस तरह के उत्पादों पर राज्य सरकार को पूरी तरह से प्रतिबंध लगा देना चाहिए। इसके लिए सवाई मान सिंह चिकित्सालय जयपुर के कान नाक गला विभाग आचार्य डा.पवन सिंघल रविवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा है। जिसमें तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादेां को राज्य में प्रतिबंधित करने की मांग की गई है।
डा.पवन सिंघल ने बताया कि मुख्यमंत्री ने राज्य में सार्वजनिक स्थानों पर थूकने पर प्रतिबंध लगाया है, जिससे कि कोरोना का संक्रमण न फैले। खासतौर पर चबाने वाले तंबाकू उत्पादों पर प्रतिंबध जरुरी है। क्योंकि जो लेाग चबाने वाले तंबाकू उत्पादों का उपयेाग करते है, तब इसके सेवन से उनके मुंह में लार बनती है, जो कि कोरेाना संक्रमण फैलाने में मुख्य भूमिका निभाती है। चबाने वाले तंबाकू उत्पादों के सेवन से जो लार निकलती है वह 24 से 72 घंटे तक संक्रमण फैला सकती है जोकि खतरनाक साबित होती है।
इसलिए राजस्थान में तंबाकू व अन्य धूम्रपान रहित उत्पादों पर पूरी तरह से हमेशा के लिए प्रतिबंध लगाने की मांग इस पत्र के माध्यम से की है। इन उत्पादों पर इसलिए भी प्रतिबंध जरुरी है। डा.सिंघल ने बताया कि देशभर में प्रतिवर्ष करीब 13 लाख लोग इसके सेवन से होने वाली बीमारियेां से मरते हैं और राजस्थान में प्रति वर्ष करीब 65 हजार लोगों की मौत हो रही है।
वहीं इससे होने वाली बीमारियेां पर तंबाकू व अन्य उत्पादेां से होने वाली राजस्व आय से तीन गुणा अधिक खर्च होता है। सिगरेट व बीड़ी के बट से व गुटखे के कागज व थूकने से जमीन पर गंदगी फैलती है, जिससे संक्रमण व बीमारियों का खतरा बढ़ता है। साथ ही उसकी साफ सफाई पर भी बहुत खर्चा होता है।
कोरोना महामारी में ये सभी उत्पाद खासतौर पर चबाने वाले तंबाकू उत्पाद बेहद खतरनाक साबित हो रहे है। इससे संक्रमण की संभावना अधिक है। डा.सिंघल ने बताया कि इसकेा देखते हुए राज्य में इसके उत्पादन, भंडारण और इन उत्पादेां की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंधित लगाया जाये, ताकि लोगों को इस बीमारी और बेवजह से होने वाली मौतेां पर रोक लगाई जा सके।
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