
ऐसे में पावर ग्रिड को स्थिर बनाए रखने के लिए, ब्लैकआउट जैसी स्थिति से बचने के लिए पूरे देश का बिजली विभाग और बिजली से जुड़े पेशेवर अधिकारी काम में लगे हुए हैं उन्हें सक्रिय कर दिया गया है। ज्ञात सूत्रों के अनुसार जानकार लोगों का कहना है कि 9 मिनट तक लाइट बंद होने से पूरे देश में बिजली की मांग करीब 15000 मेगा वाट तक कम हो जाएगा। यह दैनिक फ्रीक्वेंसी को प्रभावित करेगा और इस स्थिति में कैलिब्रेशन के प्रबंधन की सख्त जरूरत होगी। इसके लिए पूरे देश के पास सिर्फ 1 दिन का समय है। पावर ग्रिड को ब्लैकआउट से बचाने के जैसी स्थिति में फ्रीक्वेंसी को पूरी तरह से मैनेज करना सख्त जरूरी हो जाएगा।
जानकार सूत्रों की मानें तो उत्तर प्रदेश की स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर ने यूपी पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन को पत्र लिखकर पावर ग्रिड के सुरक्षा और बिजली आपूर्ति के कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर सुझाव दिए हैं। उनका मानना है कि पूरी तरह से बंद हुई बिजली से यूपी में 3000 मेगावाट की कमी आएगी। जिसके कारण हाई वोल्टेज की समस्या पैदा हो सकती है। पावर सिस्टम ऑपरेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड खतरे को देखते हुए सक्रिय हो गए हैं। राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर लोड डिस्पैच सेंटर से संपर्क किया जा रहा है। पावर ग्रिड बिजली की मांग में आई कमी को मैनेज करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं।
यह भी कहा जा रहा है कि बिजली की मांग या भार में कमी हो जाएगी, लेकिन फ्रीक्वेंसी को अगर ठीक से प्रबंधित किया जाता है तो कोई स्थिरता नहीं होगी और आगे भी यह कार्य सुचारू रूप से चलता रहेगा।
यह भी पढ़े: कोरोना ने भारत में पकड़ी तेज रफ्तार, 24 घंटे में 478 नए केस, महाराष्ट्र सबसे ज्यादा प्रभावित
from देश – Navyug Sandesh https://ift.tt/2R8GEu7
No comments:
Post a Comment