पिछले सोमवार से शुरू हुई दो दिवसीय बैठक के दौरान ‘कोरोना कैसे फैला?’ इसकी निष्पक्ष जांच के लिए भारत समेत 62 देशों ने विश्व स्वास्थ्य सभा (WHA) के मसौदे पर दस्तखत किए है। बता दे भारत उन 62 देशों में शामिल है जिन्होंने दुनियाभर में कोरोना संकट की निष्पक्ष, स्वतंत्र और व्यापक जांच का आह्वान किया है। मसौदे के तहत कहा गया है कि कोरोना वायरस में सीखे गए अनुभव और सबक की समीक्षा करने के लिए यह सबसे सही समय है।
रिसॉल्यूशन में कहा गया कि कोरोना महामारी से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य, समाज, अर्थव्यवस्था, परिणामी असमानताओं के भीतर और देशों के बीच नकारात्मक प्रभाव से उत्पन्न रुग्णता और मृत्यु दर चिंता का विषय है। यह पहला अवसर है जब भारत ने चीन के वुहान शहर से शुरू हुई महामारी पर वैश्विक स्तर पर अपना पक्ष स्पष्ट किया है। भारत समेत दुनियाभर के अधिकतर (62 देश) देशों ने विश्व स्वास्थ्य सभा के मसौदे पर दस्तखत किए है।
ड्राफ्ट का समर्थन करने वाले अन्य देशों में अल्बानिया, ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, बेलारूस, भूटान, बोत्सवाना, ब्राजील, कनाडा, चिली, कोलंबिया, अल सल्वाडोर, ग्वाटेमाला, आइसलैंड, भारत, इंडोनेशिया, जापान, मैक्सिको, मोनाको, मोंटेनेग्रो, मोजाम्बिक, न्यूजीलैंड शामिल हैं। उत्तर मैसेडोनिया, नॉर्वे, पैराग्वे, पेरू, दक्षिण कोरिया, मोल्दोवा, रूस, सैन मैरिनो, सिएरा लियोन, दक्षिण अफ्रीका, यूरोपीय संघ, तुर्की, यूक्रेन, ब्रिटेन और जाम्बिया शामिल हैं।
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