कोरोना संकट दुनियाभर में तबाही मचाये हुए है। इसी बीच डर इस बात का भी है की एक बार संक्रमित होकर ठीक हो चुका व्यक्ति फिर से पॉजिटिव आ रहा है। ऐसे में विश्व स्वास्थय संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बताया है कि ठीक होकर वापस संक्रमित हो रहे व्यक्ति से कोई खतरा नहीं है। डब्ल्यूएचओ ने अपनी रिसर्च फाइंडिंग टीम के हवाले से बताया है कि जरुरी नहीं है कि ठीक हो चुके हर मरीजों की रिपोर्ट नेगेटिव आये। यह पॉजिटिव भी हो सकती है।
डब्ल्यूएचओ के हवाले से बताया गया है कि ठीक हो चुके मरीजों में फेफड़े की मृत कोशिकाओं के कारण दोबारा पॉजिटिव रिपोर्ट की संभावना बनी रहती है। लेकिन इससे घबराने की जरुरत नहीं है। यह इलाज की ही एक प्रक्रिया है जोकि मरीज का रिकवरी फेज होता है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि पूरी संभावना है कि कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुका मरीज फिर से पॉजिटिव हो सकता है। इसके पीछे फेफड़ों की मरी हुई कोशिकाएं जिम्मेदार हो सकती है।
डब्ल्यूएचओ ने स्पष्ट किया है कि यह मरीजों का रिकवरी फेज है जिसमें मनुष्य का शरीर खुद ही उसकी सफाई करता है। डब्ल्यूएचओ के महामारी विज्ञानी मारिया वान केहोव के मुताबिक कोरोना मरीजों के फेफड़े खुद को रिकवर करते है। इसलिए वहां मौजूद डेड सेल्स बाहर की तरफ आने लगते हैं। जोकि फेफड़े के ही सुक्ष्म अंश होते हैं और नाक या मुंह के रास्ते बाहर आते है। यह डेड सेल्स है जिन्हें संक्रामक कहना बिल्कुल गलत होगा।
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