केंद्र सरकार ने मंगलवार को दिसंबर तक पूरे नगालैंड को ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित कर दिया। गृह मंत्रालय ने बताया कि पूरे नागालैंड में परिस्थितियां इस वक्त खतरनाक और परेशान कर देने वाली है। वहां पर आमजन को मदद एवं सुरक्षा के लिए सशस्त्र बलों की आवश्यकता है। मंत्रालय ने कहा कि परिस्तिथियों को देखते हुए सशस्त्र बल अधिनियम, 1958 की धारा तीन द्वारा प्रदान की गई शक्तियों का प्रयोग करते हुए केंद्र ने पूरे राज्य को अशांत क्षेत्र घोषित किया है।
गृह मंत्रालय ने कहा 30 जून, 2020 से छह महीने की अवधि के लिए पूरे राज्य को ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित किया जा रहा है। आपकी जानकारी के लिए बता दे पिछले साल नेशनल सोशलिस्ट ऑफ नागालैंड-खापलांग (युंग आंग गुट) ने असम राइफल्स के जवानों के नागालैंड में मोन जिले के पुराने और नये चेनलोइशो गांव के बीच स्थित शिविर पर हमले का प्रयास किया था। जिसे असम राइफल्स के जवानों ने विफल कर दिया। यह हमला 21 अक्टूबर को हुआ था।
हमले के बाद रक्षा विभाग के जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल सुमित शर्मा ने बयान जारी किया था। जिसमें उन्होंने कहा था एनएससीएन-के (वाईए) के उग्रवादियों द्वारा अंतिम दौर पर चल रही नागा शांति प्रक्रिया को बाधित करने का प्रयास किया गया। यह हमला भारत-म्यांमार सीमा के पास नागालैंड में मोन जिले के चेन क्षेत्र में स्थित शिविर पर तड़के सुबह किया गया।
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