कामकाजी महिलाओं के सामने कई तरह की चुनौतियां होती हैं। इनमें से सबसे बड़ी चुनौती बच्चों की सही ढंग से परवरिश करना है। कामकाजी मांएं चाहें कितनी भी प्लानिंग मैनेजमेंट कर लें, फिर भी कहीं न कहीं वे गिल्ट से भरी होती हैं। इसकी वजह भी बच्चों को पर्याप्त समय न दे पाना ही होता है। ऐसे में वर्किंग वूमेन को चाहिए कि वे गिल्ट में आने के बजाय सोचें कि वह कैसे बन सकती हैं, अच्छी मां। परेशान ना हों, यहां दिए जा रहे एडवाइस पर अमल करें।
सेट प्रायोरिटी
सबसे पहले तो ये जरूरी है कि आप इस बात पर स्पष्ट रहें कि आखिर आप अपनी प्राथमिकता सूची में सबसे ऊपर क्या रखती हैं? यदि आपकी प्राथमिकता सूची में सबसे ऊपर बच्चा है तो फिर इस बात पर विचार करें कि बच्चे की देखभाल के बारे में आप किन-किन चीजों पर ध्यान देंगी और किस सीमा तक उसके साथ समझौता कर सकती हैं!
ध्यान से चुनें आॅफिस
इसके साथ ही शुरुआती सालों में आप ये कोशिश भी कर सकती हैं कि किसी ऐसी कंपनी में काम करें, जहां एक मां के तौर पर आपकी जिम्मेदारी के प्रति भी संवेदनशीलता बरती जाती हो। काम के घंटे अपेक्षाकृत कम और दफ्तर का समय थोड़ा लचीला हो। यदि इस तरह की सुविधा और स्वतंत्रता आपको मिलती है तो आप बहुत इत्मीनान से दोनों के बीच संतुलन बना सकती हैं, लेकिन यदि ऐसा नहीं हो पाता है तो आपको खुद पर भरोसा रखना होगा।
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