
दुनिया भर में लोगों की बदलती जीवन शैली के बीच हार्ट अटैक के मामले भी तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। कुछ दशक पहले तक यह समस्या जहां 50 की उम्र पार करने के बाद दिखाई पड़ती थी, लेकिन अब यह युवा भी इस बीमारी का शिकार बन रहे हैं। समय पर पता नहीं चल पाने के कारण तमाम लोग इसकी वजह से अपनी जान तक गंवा बैठते हैं। दक्षिण कोरिया के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा सेंसर विकसित किया है, जिससे हार्ट अटैक के बारे में महज एक मिनट में पता लगाया जा सकेगा।
वैज्ञानिकों ने इसे इलेक्ट्रिकल इम्यूनोसेंसर का नाम दिया है। दरअसल, हार्ट अटैक के बाद ब्लड में कार्डियक ट्रोपोनिन आइ (सीटीएनआइ) की मात्रा बढ़ जाती है। इम्यूनोसेंसर इस प्रोटीन का पता लगाने में सक्षम है। उलसान नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (यूएनआइएसटी) के जेसुंग जांग ने बताया कि नए इम्यूनोसेंसर को अन्य सेंसर से अलग तरीके से बनाया गया है।
यह खून के एक बूंद से ही संबंधित प्रोटीन की मात्रा का पता लगाने में सक्षम है। इस प्रक्रिया में महज एक मिनट का वक्त लगता है। दरअसल, सेंसर से उत्पन्न डायइलेक्ट्रोफोरेटिक बल इस प्रोटीन को अपनी ओर आकर्षित करने में सक्षम होते हैं। ऐसा विद्युत प्रभाव के कारण होता है।
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