वर्तमान समय में अधिकांश लोग पेट की बीमारी से बुरी तरह ग्रस्त पाए जाते है। खासकर गैस की समस्या होना तो आम है। समस्या होने पर व्यक्ति कोई टेबलेट आदि का इस्तेमाल करते है। लेकिन लम्बे समय तक इस प्रकार की दवाओं का इस्तेमाल करने वालों में बैक्टीरिया से होने वाले इंफेक्शन की संभावना अधिक होती है और यह लगातार दस्त, बड़ी आंत में संक्रमण जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है।
हाल ही हुए एक शोध में यह सामने आया है। निष्कर्षों से यह ज्ञात हुआ है कि सी-डिफ वाले मरीजों में पेट में गैस बनने को रोकने के लिए दी जाने वाली दवाओं से सी-डिफ का खतरा बढ़ जाता है।
गैस्ट्रोइंटेरोलजिस्ट का मानना है कि पेट में गैस बनने से रोकने की दवाओं से मरीजों में सी-डिफ के मामलों का जोखिम बढ़ जाता है।’ खासकर यह पाया गया कि पेट में गैस बनने से रोकने वाली दवाओं में ओपेराजोल, हिस्टामाइटन 2 रानिटिडाइन जैसे दवाएं आम तौर पर दी जाती है। जिसका दूरगामी दुष्प्रभाव पड़ता है।
from लाइफस्टाइल – Navyug Sandesh http://bit.ly/2Soyo7I
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