दिल्ली, मुंबई और कोलकाता सहित देश के लगभग सात शहरों में वॉयस पॉल्यूशन का औसत स्तर तय सीमा को पार कर गया है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे ने राज्यसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में ये सभी जानकारी दी।
ध्वनि प्रदूषण के प्रभावः
आमतौर पर नॉयज पॉल्यूशन से स्ट्रेस संबंधी समस्याएं बढ़ती हैं। नींद डिस्टर्ब होती है और प्रोडक्टिविटी कम होती है.ध्वनि प्रदूषण का सुनने की क्षमता पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता ह। तेज आवाज से ईयरड्रम डैमेज हो सकते हैं। इससे कई बार बहरापन भी हो जाता है.ध्वनि प्रदूषण से एंजाइटी बढ़ती है और स्ट्रेस लेवल बढ़ जाता है जिससे कई बार सिरदर्द, इरिटेशन और नर्वसनेस बढ़ जाती है। थकान महसूस होने लगती है। काम करने की क्षमता घट जाती है।
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