जब बच्चा छोटा होता है तो वह माता-पिता के पास सोता है, लेकिन जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होने लगता है तो अभिभावक उसे अलग सुलाना चाहते हैं, लेकिन बच्चा इसके लिए तैयार ही नहीं होता। इतना ही नहीं, कुछ बच्चे तो बेड पर गीला करते हैं या फिर उन्हें देर रात तक नींद नहीं आती। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि माता-पिता शुरू से ही बच्चों की स्लीपिंग हैबिट्स पर ध्यान नहीं देते, जिसके कारण बाद में बच्चे और माता-पिता दोनों को ही परेशानी आती है। तो चलिए जानते हैं बच्चों में सोने की अच्छी आदतों का संचार कैसे करंे-
भले ही आपका बच्चा छोटा हो, लेकिन फिर भी उसे अलग सुलाने की कोशिश करें। अगर आप शुरू से ही ऐसा करेंगी, तो इससे उसमें अलग सोने की आदत पड़ेगी और वह बाद में आपको तंग नहीं करेगा। आप शुरूआत मंे उसके साथ सो सकती हैं, लेकिन बाद में वहां से उठ जाएं। साथ ही उससे गले मिलकर न सोएं। ऐसा करने से बच्चा कभी भी अकेला नहीं सोएगा।
छोटे बच्चों को रात में जल्द नींद नहीं आती। ऐसे में आप सुलाने से पहले बच्चे की मालिश करें। इससे बच्चा खुद को काफी रिलैक्स महसूस करता है और उसे नींद भी काफी अच्छी आती है।
अगर बच्चे को वक्त पर सुलाना है तो रात में कमरे में इंटरनेट, टीवी, मोबाइल आदि का इस्तेमाल न करें। इससे बच्चे की नींद में खलल पड़ता है। साथ ही बच्चे को सुलाते वक्त कमरे में अंधेरा जरूर कर दें, क्योंकि अंधेरे में नींद से जुड़ा हार्मोन सक्रिय होता है। यही हार्मोन नींद लाने में सहायक होता है।
जब आपका बच्चा सो रहा हो, तो घर में तेज आवाज वाले उपकरण जैसे मिक्सी, वैक्यूम क्लीनर आदि का इस्तेमाल न करें। इससे बच्चे डर कर जाग जाते हैं। कुछ बच्चों को तो इसके कारण रात में डरकर जागने की आदत भी पड़ जाती है।
from रिलेशनशिप – Navyug Sandesh http://bit.ly/2X7QUnc
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