Thursday, April 25, 2019

वास्तु के अनुसार करें किचन का निर्माण

किचन किसी भी घर का एक मुख्य भाग है। घर के इस कोने में एक स्त्री का सर्वाधिक समय तो बीतता है ही, साथ ही यह कोना घर के सभी सदस्यों की सेहत से सीधेतौर पर जुड़ा होता है। इसलिए इसका निर्माण करते समय किसी तरह की कोताही नहीं बरतनी चाहिए। अगर आप किचन का निर्माण करवाते समय वास्तु के कुछ नियमों का ध्यान रखते हैं तो इससे घर में कभी अन्न, धन और स्वास्थ्य समस्याएं नहंीं होती-

किचन बनाते समय सबसे पहले उसकी दिशा पर ध्यान देना चाहिए। घर की दक्षिण पूर्व दिशा किचन बनाने के लिए सबसे बेस्ट हैं क्योंकि इस दिशा में स्वामी अग्नि देव का वास होता हैं, इसलिए किचन इसी दिशा में बनवाएं। अगर किसी कारण से आप इस तरफ किचन नहीं बना पा रहे तो उत्तर-पश्चिम दिशा भी चुन सकते हैं क्योंकि किचन बनाने के लिए यह भी शुभ दिशा मानी जाती है।

ध्यान रखें कि किचन के दक्षिण में कभी भी कोई दरवाजा या खिडकी नहीं होने चाहिए। माना कि किचन हवादार व बड़ी दिखाने के चक्कर में लोग अधिक खिड़कियां या दरवाजे रखते हैं लेकिन इनकी दिशा पूर्व की ओर में ही रखें जो शुभ मानी जाती हैं।

बात किचन वॉल कलर की करें तो इनका चयन भी ध्यान से रखें। मतलब महिलाओं की कुंडली के आधार किचन की दीवारों को कलर चूज करें। अगर आपकी किचन दक्षिण-पूर्व दिशा में हैं तो दीवारों के लिए ऑरेंज व रैड कलर चूज करें क्योंकि यह कलर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं।

बड़े घरों में किचन भी खुली यानी की ओपन होती हैं, जहां डाइनिंग टेबल के साथ-साथ लॉफ्ट, अलमारी रखने का ट्रैंड भी जोरो पर हैं। मगर इन चीजों को रखने के लिए परफेक्ट दिशा आपको पता होनी चाहिए। जी हां, इन चीजों को किचन की दक्षिण या पश्चिम दीवार के साथ लगाकर रखना चाहिए।

पानी वाला फिल्टर तो लगभग हर किसी के घर में लगा होता हैं लेकिन इसे हमेशा किचन के ईशान कोण उत्तर-पूर्व दिशा में लगवाना चाहिए क्योंकि जल के लिए यह जगह बिल्कुल शुभ मानी जाती हैं।



from लाइफस्टाइल – Navyug Sandesh http://bit.ly/2IR4DKK

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