
विकास के साथ समाज में कई तरह के बदलाव आए हैं। संतान प्राप्ति की औसत आयु भी पहले की तुलना में बढ़ चुकी है। डेनमार्क के वैज्ञानिकों ने इस चलन को लेकर सावधान किया है। शोधकर्ताओं के ताजा अध्ययन में ज्यादा उम्र में पैदा होने वाली संतान में ऑटिज्म का खतरा ज्यादा रहने की बात सामने आई है। हालांकि, पूर्व के दावों के विपरीत ऐसे बच्चों में आगे चलकर सिजोफ्रेनिया का खतरा नहीं रहता है।
युवा दंपती की संतान में यह खतरा काफी कम होने की बात सामने आई है। हालांकि, ऐसे मां-बाप की संतान में आगे चलकर सिजोफ्रेनिया होने की आशंका भी ज्यादा रहती है। उल्लेखनीय है कि ऑटिज्म के शिकार बच्चे अपनी बात को रख पाने में खुद को सहज महसूस नहीं करते हैं।
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