Wednesday, October 30, 2019

चार दिनों तक चलता है छठ पूजा का पर्व: जानिए तिथि, मुहूर्त व अन्य खास बातें

छठ पूजा भगवान सूर्यदेव की उपासना का पर्व है। मान्यता है कि छठ पर्व में सूर्योपासना करने से घर परिवार में सुख शांति व धन धान्य से संपन्न करती हैं।

छठ पूजा का पर्व साल में दो बार मनाया जाता है। चैत्र शुक्ल षष्ठी व कार्तिक शुक्ल षष्ठी इन दो तिथियों को यह पर्व मनाया जाता है। हालांकि कार्तिक शुक्ल षष्ठी को मनाये जाने वाला छठ पर्व मुख्य माना जाता है।

कार्तिक छठ पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व को छठ पूजा, डाला छठ, छठी माई, छठ, छठ माई पूजा, सूर्य षष्ठी पूजा आदि कई नामों से जाना जाता है।

क्या है पौराणिक मान्यता?

पौराणिक ग्रंथों में इस रामायण काल में भगवान श्री राम के अयोध्या आने के पश्चात माता सीता के साथ मिलकर कार्तिक शुक्ल षष्ठी को सूर्योपासना करने से भी जोड़ा जाता है, महाभारत काल में कुंती द्वारा विवाह से पूर्व सूर्योपासना से पुत्र की प्राप्ति से भी इसे जोड़ा जाता है।

सूर्यदेव के अनुष्ठान से उत्पन्न कर्ण जिन्हें अविवाहित कुंती ने जन्म देने के बाद नदी में प्रवाहित कर दिया था वह भी सूर्यदेव के उपासक थे। वे घंटों जल में रहकर सूर्य की पूजा करते। मान्यता है कि कर्ण पर सूर्य की असीम कृपा हमेशा बनी रही। इसी कारण लोग सूर्यदेव की कृपा पाने के लिये भी कार्तिक शुक्ल षष्ठी को सूर्योपासना करते हैं।

चार दिनों तक चलता है छठ पूजा का पर्व –

छठ पूजा का पहला दिन (नहाय खाय):

छठ पूजा का त्यौहार भले ही कार्तिक शुक्ल षष्ठी को मनाया जाता है लेकिन इसकी शुरुआत कार्तिक शुक्ल चतुर्थी को नहाय खाय के साथ होती है। मान्यता है कि इस दिन व्रती स्नान आदि कर नये वस्त्र धारण करते हैं। व्रती के भोजन करने के पश्चात ही घर के बाकि सदस्य भोजन करते हैं।

छठ पूजा का दूसरा दिन (खरना):

कार्तिक शुक्ल पंचमी को पूरे दिन व्रत रखा जाता है व शाम को व्रती भोजन ग्रहण करते हैं। इसे खरना कहा जाता है। इस दिन अन्न व जल ग्रहण किये बिना उपवास किया जाता है। शाम को चाव व गुड़ से खीर बनाकर खाया जाता है।

छठ पूजा का तीसरा दिन:

षष्ठी के दिन छठ पूजा का प्रसाद बनाया जाता है। प्रसाद व फल लेकर बांस की टोकरी में सजाये जाते हैं। टोकरी की पूजा कर सभी व्रती सूर्य को अर्घ्य देने के लिये तालाब, नदी या घाट आदि पर जाते हैं। स्नान कर डूबते सूर्य की आराधना की जाती है।

छठ पूजा का चौथा दिन:

अगले दिन यानि सप्तमी को सुबह सूर्योदय के समय सूर्य की आराधना की जाती है। विधिवत पूजा कर प्रसाद बांटा कर छठ पूजा संपन्न की जाती है।

तिथि व मुहूर्त – 2019

तिथि – 2 नवंबर

छठ पूजा के दिन सूर्योदय – 06:33

छठ पूजा के दिन सूर्यास्त – 17:35

षष्ठी तिथि आरंभ – 00:51 (2 नवंबर 2019)

षष्ठी तिथि समाप्त – 01:31 (3 नवंबर 2019)



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