
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कट्टरवादी संगठन पीएफआई ( पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर ली गई है। प्रदेश के गृहमंत्रालय द्वारा इस संगठन पर प्रतिबंध लगाने के लिए मसौदा तैयार कर लिया गया है। दरअसल अभी हाल ही में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पूरे प्रदेश भर में काफी ज्यादा हिंसक प्रदर्शन की घटनाएं हुईं थीं। इन हिंसक प्रदर्शनों में लगभग 20 उपद्रवियों की मौत हो चुकी है। साथ ही 150 से अधिक पुलिस कर्मी घायल हुए हैं। इन हिंसक प्रदर्शन के असल वजहों के जाँच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में हुए भारी हिंसक प्रदर्शनों की जाँच में ये बात सामने आई है कि पीएफआई की कई जगहों पर हिंसा फैलाने में अहम भूमिका रही है। अब तक पीएफआई के 10 से ज्यादा सदस्यों की गिरफ्तारी हो चुकी है। हालांकि पीएफआई ने इन हिंसक घटनाओं में खुद के संलिप्तता से इंकार करते हुए कहा है कि सरकार आम जनता की आवाज़ को दबाना चाहती है इसलिए उनके संगठन को बदनाम किया जा रहा है।
वहीं दूसरी ओर पुलिस का कहना है कि जाँच में पीएफआई के खिलाफ पुलिस को पुख्ता सबूत मिले हैं। अतः इस संगठन पर सरकार ने प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है और इसकी पूरी तैयारी कर ली गई है।
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