Saturday, December 28, 2019

बढ़ती ठंड से बचने के लिये इन बातों का रखें खास ध्यान

बढ़ती ठंड और शीतलहर ने मुसीबत बढ़ा दी है।  लोग गंभीर रूप से बीमार होने लगे है। हाल ही में मिली जानकारी के अनुसार कानपुर में ठंड से मौत की खबरें भी सुनाई देने लगी है। उच्च रक्तचाप, हाई शुगर, हृदय रोग, अस्थमा, जैसे रोगों से पीड़ित लोगों के लिए यह ठंड और भी ज्यादा खतरनाक होते जा रही है। ठंड तो अपना असर दिखा ही रहा है। लेकिन हमसे भी कुछ भूल हो रही है, जिससे हम ठंड में गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं।

अगर आप भी रक्तचाप, हाई ब्लड प्रेशर, ह्रदय संबंधी किसी रोग से पीड़ित हैं और इनसे संबंधित संबंधित दवाइयां आप लेते हैं। तो इस बात का ध्यान रखें कि जो दवाइयां गर्मी के मौसम में ली जा रही थी। वही दवाइयां ठंड के मौसम में लेने से ब्लडप्रेशर बेकाबू हो सकता है।

इसका प्रमुख कारण है कि रोगी जो दवा गर्मी के मौसम में खा रहे थे। वही दवा आज ठंड के मौसम में भी ले रहे हैं। जिससे ब्लड प्रेशर बेकाबू हो रहा है और ब्रेनअटैक और हार्टअटैक जैसी तकलीफ बढ़ रही है। अकसर ठंड में धंमनिया और नसे सिकुडने लगती है। जिससे हार्ट अटैक की समस्या हो सकती है। इसलिए इस तरह की समस्या से जूझ रहे व्यक्ति को खास तौर पर अपने डॉक्टर से जाकर अपनी दवाइयों की जांच करवानी चाहिए। डाक्टरों से जांच करवाने की जरूरत है कि कहीं दवाओं में बदलाव की जरूरत तो नही।

अस्थमा, सांस से जुड़ी समस्याओं से परेशान रोगियों को ठंड और प्रदूषण से चेस्ट से जुड़ी कई गंभीर संक्रमण हो रहे हैं। अधिक ठंड से अस्थमा के रोगियों की तबीयत अचानक ही बिगड़ती जाती है। इसलिए अस्थमा के रोगियों को मास्क पहनकर चलना चाहिए। बीपी और अस्थमा के रोगी घर से बाहर निकलते समय कान में मफलर, हो सके तो मास्क का भी उपयोग करें।

खासतौर पर ब्लडप्रेशर, शुगर और अस्थमा के मरीजों को सोने से 2 घंटे पहले खाना खा लेना चाहिए। खाना खाकर तुरंत सोने बिल्कुल भी ना जाये।



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