Wednesday, January 1, 2020

चंपानेरः हिन्दू-मुस्लिम-जैन धर्म की मिली-जुली प्राचीन धरोहर है गुजरात का यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट

champaner

गुजरात के चंपानेर का इतिहास 2000 साल पुराना है। ये एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर है। चंपानेर गुजरात में पावागढ़ हिल्स के बीच में बसा हुआ है। ये पर्यटन स्थल अपने पुरातात्विक महत्व के लिए मशहूर है। यहां जैन मंदिर, हिंदू मंदिर और मस्जिद स्थित है। यहां की अनोखी ऐतिहासिक संरचनाओं के साथ-साथ यहां पानी के जलाशय भी लोगों के आकर्षण का केंद्र है। यहां 2000 साल पुरानी सांस्कृतिक धरोहर में अर्बन प्लैनिंग का बेजोड़ नमूना दिखाई देता है।

गुजरात के चंपानेर में यह है प्रमुख दर्शनीय स्थलः

चंपानेर आर्कियोलॉजिकल पार्कः

ये प्राचीन नगर खुदाई से मिला है। ऐसा लगता है कि पुरातात्विक खुदाई के बाद यहां एक पूरा नगर उभर कर सामने आ गया है। भारत सरकार ने भी इस स्थल का रखरखाव बहुत अच्छे से किया है। इस प्राचीन नगर संरचना में खुदाई के बाद सड़क, पार्क, शॉपिंग कंपलेक्स, घर सब कुछ पाया गया है।

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लाकुया मंदिरः

चंपानेर-पावागढ़ आर्कियोलॉजिकल पार्क में ये सबसे प्राचीन मंदिर है। इसका निर्माण 10वीं शताब्दी में किया गया था।  यह मंदिर लाकुसिया देवी को समर्पित है जो भगवान शिव की अन्नय भक्त थी।

जैन मंदिरः

पावागढ़ हिल्स पर कई जैन मंदिर भी बने हुए है। इन मंदिरों का निर्माण 13 वीं सदी में किया गया था। इतिहासकारों के अनुसार 13 वीं सदी में गुजरात में जैन धर्म का बहुत बड़ा प्रभाव था। यहां भारत का सबसे प्राचीन स्टेप वॉल मिलता है। जिसका निर्माण गुजरात के सुल्तान ने सन 1498 करवाया था। इस स्टेप वॉल में गणेश और देवी शारदा की स्तुति लिखवाई गई है, जो इसे ज्यादा आकर्षक बनाती है।

wild life century pavagarh

जंबूघोड़ा पावागढ़ वाईल्ड लाइफ सेंचुरीः

जंबूघोड़ा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी चंपानेर से 20 कि. मी. की दूरी पर स्थित है। ये प्राकृतिक प्रेमियों के लिए स्वर्ग है। ये एक घना जंगल है जहां टीक, सागौन, बांस के वृक्ष मिलते हैं। यहां पक्षियों की भी कमी नहीं है, यहां अनेक प्रजाति के  पक्षी निवास करते है।

जामा मस्जिद:

ये चंपानेर की सबसे खूबसूरत प्राचीन संरचना है। जामा मस्जिद भारत में इस्लामिक शिल्पकला का बेजोड़ नमूना है। माना जाता है कि इस मस्जिद का निर्माण 15 वीं शताब्दी में किया गया था। जामा मस्जिद की सबसे खास बात है यहां मेहराब, मीनार और गुंबद इस्लामिक वास्तुकला से मिलते हैं। वहीं झरोखो में गुजराती वास्तुकला दिखाई देती है।

कब जाए और कैसे पहुंचेः

चंपानेर जाने के लिए अक्टूबर से मार्च का समय सही होता है। मानसून में ये जगह और खुबसूरत हो जाती है। चंपानेर में ‘चंपानेर रोड रेलवे स्टेशन’ सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है जो पंचमहल जिले में स्थित है।

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