वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कई सेक्टरों में नीति के सरलीकरण की आवश्यकता है, ताकि लोगों को यह समझने में आसानी हो सके कि कौन सा सेक्टर काम में लगा सकता है, विभिन्न गतिविधियों में भाग ले सकता है और पारदर्शिता ला सकता है। वित्त मंत्री ने कहा कि जब हम विकास के लिए सेक्टरों को खोल देते हैं, तो हम इन सेक्टरों को बढ़ावा दे सकते हैं।
उन्होंने कहा कि व्यापक सुव्यवस्थित या प्रणालीगत सुधारों को लागू करने में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का रिकॉर्ड काफी दमदार है। वित्त मंत्री ने इस संबंध में कई उदाहरण दिए जैसे कि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण, जो लोगों के बैंक खातों में सीधे पैसा डालता है; जीएसटी, जिसने ‘एक राष्ट्र, एक बाजार’ का सपना साकार किया; दिवाला एवं दिवालियापन संहिता (आईबीसी), जिसने कई दिवाला मुद्दों को सुलझाया; और ‘कारोबार में सुगमता’, जो केंद्र सरकार के अनेक ठोस कदमों की बदौलत संभव हुई।
वित्त मंत्री ने निवेश को गति देने के लिए नीतिगत सुधारों और इस संबंध में सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की आवश्यकता का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि सचिवों के अधिकार प्राप्त समूह के माध्यम से तेजी से स्वीकृतियां दी जा रही हैं, वहीं निवेश परियोजनाओं को तैयार करने, निवेशकों और केन्द्र तथा राज्य सरकारों के साथ समन्वय के लिए हर मंत्रालय में एक परियोजना विकास इकाई की स्थापना भी की जाएगी।
वित्त मंत्रालय ने आत्म निर्भर भारत की दिशा में निवेश को गति देने के लिए निम्नलिखित नीतिगत सुधारों की घोषणा की है:
- सचिवों के अधिकार प्राप्त समूह के माध्यम से जल्द से जल्द निवेश स्वीकृति दी जाएगी।
- निवेश योग्य परियोजनाएं तैयार करने, निवेशकों और केंद्र/ राज्य सरकारों के बीच समन्वय के लिए हर मंत्रालय में परियोजना विकास इकाई की स्थापना की जाएगी।
- नए निवेश के लिए निवेश आकर्षित करने में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए राज्यों की रैंकिंग तैयार की जाएगी।
- नए चैम्पियन (अग्रणी) क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए सोलर पीवी विनिर्माण; उन्नत सेल बैटरी स्टोरेज आदि क्षेत्रों के लिए प्रोत्साहन योजनाओं का शुभारम्भ किया जाएगा।
Highlights
- कोयला क्षेत्र में वाणिज्यिक खनन की शुरुआत
- कोयला सेक्टर में विविध अवसर
- कोयला क्षेत्र में उदार व्यवस्था
- खनिज क्षेत्र में निजी निवेश बढ़ाना और नीतिगत सुधार
- रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता बढ़ाना
- रक्षा उत्पादन में नीतिगत सुधार
- नागरिक उड्डयन के लिए हवाई क्षेत्र का उत्तम प्रबंधन
- पीपीपी के जरिए कई और विश्वस्तरीय हवाई अड्डे
- भारत विमान रखरखाव, मरम्मत और जीर्णोद्धार (एमआरओ) के लिए एक वैश्विक केंद्र बनेगा
- बिजली क्षेत्र में टैरिफ संबंधी नीतिगत सुधार; केंद्र शासित प्रदेशों में विद्युत वितरण का निजीकरण
- सामाजिक क्षेत्र में संशोधित व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण योजना के जरिए निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ावा देना
- अंतरिक्ष से जुड़ी गतिविधियों में निजी भागीदारी को बढ़ावा देना
- परमाणु ऊर्जा सेक्टर में सुधार
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