कोरोना वायरस महामारी को लेकर चीन पर शुरू से ही कई आरोप लगते रहे हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भी इस बात को लेकर चीन पर हमलावर रहे हैं। दुनिया के कई बड़े डॉक्टर्स, वैज्ञानिकों तथा नेताओं का यह मानना है कि चीन ने जानबूझकर ये सब किया है।
अमेरिकी सांसद सीनेटर थोम टिलिस ने चीन की सरकार को कोविड-19 वैश्विक महामारी का कारण बनने वाले उसके “झूठ, छल और बातों को गुप्त रखने की कोशिशों” के लिए जिम्मेदार ठहराए जाने को लेकर 18 सूत्री योजना सामने रखी है।
उनका कहना है कि चीन सरकार ने खराब मंशा से बातों को छिपाया और ऐसी वैश्विक महामारी फैलायी जो हजारों अमेरिकियों के लिए विपत्ति लेकर आई। यह वही शासन है जो अपने ही नागरिकों को श्रम शिविरों में बंद करके रखता है, अमेरिकी की प्रौद्योगिकी एवं नौकरियां चुराता है और हमारे सहयोगियों की संप्रभुता के लिए खतरा उत्पन्न करता है।
यह अमेरिका और समूचे स्वतंत्र विश्व के लिए बड़ी चेतावनी है। मेरी कार्ययोजना चीनी सरकार को कोविड-19 के बारे में झूठ बोलने के लिए जिम्मेदार ठहराएगी, अमेरिका की अर्थव्यवस्था, जन स्वास्थ्य एवं राष्ट्रीय सुरक्षा को संरक्षित रखते हुए चीनी सरकार को प्रतिबंधित करेगी।
18 सूत्री योजना में क्षेत्रीय सहयोगियों के साथ सैन्य संबंध मजबूत करने और भारत, ताइवान एवं वियतनाम को उपकरणों की बिक्री बढ़ाने की भी अपील की गई है।
इसमें कहा गया कि जापान को अपनी सेना का फिर से निर्माण करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए तथा जापान एवं दक्षिण कोरिया को आक्रामक सैन्य उपकरणों की पेशकश की जाए। योजना में कहा गया, “चीन से सारी उत्पादन इकाइयां वापस अमेरिका लाई जाएं और धीरे-धीरे आपूर्ति श्रृंखलाओं को लेकर चीन पर निर्भरता समाप्त की जाए।
चीन को हमारी प्रौद्योगिकी चुराने से रोका जाए तथा हमारे प्रौद्योगिकीय फायदे फिर से प्राप्त करने के लिए अमेरिकी कंपनियों को प्रोत्साहन दिया जाए। चीन की हैकिंग एवं गड़बड़ियों से बचने के लिए साइबर सुरक्षा मजबूत की जाए।”
इसमें कहा गया,“अमेरिकी करदाताओं के पैसे का चीनी सरकार द्वारा अपना कर्ज चुकाने में प्रयोग किया जाना रोका जाए।
हुआवै (चीनी प्रौद्योगिकी कंपनी) पर अमेरिकी प्रतिबंध को लागू किया जाए और इसी तरह के प्रतिबंध लागू करने के लिए हमारे सहयोगियों के साथ समन्वय करें।” इसके अलावा इस योजना में चीनी सरकार से मुआवजा मांगने तथा वायरस के बारे में झूठ बोलने के लिए उस पर प्रतिबंध लगाए जाने का सुझाव दिया गया है।
साथ ही कहा गया है कि चीन को उसके अत्याचारी मानवाधिकार रिकॉर्ड के लिए भी प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। सांसद टिलिस की योजना में ट्रंप प्रशासन से अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति से औपचारिक तौर पर अनुरोध कर बीजिंग से 2020 शीतकालीन ओलंपिक वापस लेने की अपील भी की गई है।
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